
लोकसभा स्पीकर के पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई है. एनडीए की ओर से ओम बिरला ने नामांकन दाखिल कर दिया है. वहीं विपक्ष की ओर से के. सुरेश को कैंडिडेट बनाया गया है. उन्होंने भी नामांकन दाखिल कर दिया है. अब बुधवार को सुबह 11 बजे स्पीकर पद के लिए मतदान होगा. के. सुरेश केरल से कांग्रेस के सांसद हैं और 8वीं बार चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं. आंकड़ों को देखते हुए साफ है कि स्पीकर पद पर चुनाव की स्थिति में एनडीए का दावा मजबूत है, लेकिन INDIA अलायंस को लगता है कि उसके पास अपनी ताकत दिखाने का मौका है. इसलिए उसने डिप्टी स्पीकर का पद देने की शर्त न पूरी होने पर कैंडिडेट ही उतार दिया है.
इसके साथ ही भारतीय लोकतंत्र के 72 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब स्पीकर के पद पर चुनाव होगा. इस स्थिति के लिए राहुल गांधी ने सरकार पर ही ठीकरा फोड़ा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने स्पीकर पद के लिए सरकार का समर्थन करने का फैसला लिया था. हमारा कहना था कि आप डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दे दें. ऐसी परंपरा भी रही है. वहीं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार उतारने पर पीयूष गोयल ने कहा कि हम शर्तों के आधार पर समर्थन की बात को खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से शर्त के आधार पर समर्थन की बात कही जा रही थी. ऐसा लोकसभा की परंपरा में कभी नहीं हुआ था. लोकसभा स्पीकर या फिर डिप्टी स्पीकर किसी दल का नहीं होता है बल्कि पूरे सदन का होता है.
राहुल बोले- राजनाथ ने कहा था, मैं कॉल रिटर्न करूंगा, अब तक इंतजार
राहुल गांधी ने पूरे वाकये की जानकारी देते हुए कहा था कि राजनाथ सिंह का कल शाम को मल्लिकार्जुन खरगे को फोन आया था. उन्होंने स्पीकर के लिए विपक्ष से समर्थन मांगा था. इस पर खरगे जी ने कहा कि डिप्टी स्पीकर का पद यदि विपक्ष को दे दिया जाए तो हम स्पीकर के लिए समर्थन करेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि इस पर राजनाथ सिंह ने जवाब दिया था कि मैं आपको कॉल रिटर्न करूंगा, लेकिन अब तक कोई बात नहीं की गई. इससे साफ है कि ये लोग संवाद नहीं चाहते बल्कि टकराव के ही रास्ते पर रहेंगे.
नंबर गेम में आगे है एनडीए, करीब 300 सांसदों का है समर्थन
गौरतलब है कि लोकसभा में भाजपा के अकेले ही 240 सांसद हैं. इसके अलावा टीडीपी के 16, जेडीयू के 12 और एकनाथ शिंदे गुट के 7, चिराग पासवान की पार्टी के 5 सांसदों समेत करीब 290 सांसदों का समर्थन एनडीए के पास है. यही नहीं अकाली दल समेत कई अन्य छोटे दलों और कुछ निर्दलियों का समर्थन भी सरकार को मिलने की उम्मीद है. यही वजह है कि उसने भी विपक्ष को अपनी ताकत का अहसास कराने का फैसला लिया है और स्पीकर पद पर चुनाव को तैयार है.