
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में इस बार सिर्फ भाषणों का ही नहीं, बल्कि नेताओं के हेलीकॉप्टरों का भी तगड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है! चुनावी रैलियों में व्यस्त बड़े नेताओं के हेलीकॉप्टर एक के बाद एक लैंड कर रहे हैं, और वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग की टीम भी चौकन्नी है। हर उतरते हेलीकॉप्टर पर जांच का सिलसिला चल पड़ा है, चाहे वो उद्धव ठाकरे का हो या नितिन गडकरी का।
इस पर शिवसेना (UBT) ने तो सीधे सवाल उठा दिए हैं कि आखिर चुनाव आयोग को सिर्फ विपक्ष के हेलीकॉप्टर ही क्यों दिखते हैं! हाल ही में, उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की दो बार जांच की गई। शिवसेना का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या अन्य बड़े नेताओं के बैग भी ऐसे ही खुलेआम चेक किए जाएं। पार्टी की प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत का तो साफ कहना है कि अगर निष्पक्षता चाहिए, तो नियम सब पर एक जैसा हो!
लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से जवाब आया कि यह कोई भेदभाव नहीं, बल्कि SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का हिस्सा है। आयोग का कहना है कि गडकरी, नड्डा और अमित शाह जैसे कई बड़े BJP नेताओं के विमानों और हेलीकॉप्टरों की भी जांच की गई है।
लातूर में जब नितिन गडकरी प्रचार के लिए पहुंचे, तो उनके हेलीकॉप्टर के बैग भी खोल-खोलकर जांचे गए। वहीं, उद्धव ठाकरे की दोबारा जांच पर सियासी माहौल गरमा गया। राउत ने एक कदम आगे बढ़ते हुए आरोप लगाया कि कुछ नेताओं के इलाकों में नोटों के बोरों की भी खबरें आती हैं। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग को निष्पक्षता साबित करने के लिए पीएम मोदी और अन्य बड़े नेताओं के हेलीकॉप्टरों की जांच करनी चाहिए।