
मणिपुर में शांति कायम करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी. हिंसा का दौर खत्म करने के लिए गृह मंत्रालय बड़ी पहल करते हुए मैतेई और कुकी समुदाय के साथ बातचीत करेगा. दोनों समुदायों के बीच खाई पाटने के लिए वार्ता का यह फैसला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया.
हिंसा रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने पर भी बैठक में चर्चा की गई और राज्य में सुरक्षा बलों की रणनीतिक तैनाती पर जोर दिया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक, थल सेनाध्यक्ष (नामित) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार, असम राइफल्स के महानिदेशक, मणिपुर के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सेना तथा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
हिंसा की कोई और घटना न हो : बैठक के दौरान शाह ने निर्देश दिया कि मणिपुर में हिंसा की कोई और घटना न हो. उन्होंने राज्य में शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए केंद्रीय बलों की रणनीतिक तैनाती करने को कहा. साथ ही कहा कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी.
मुख्य सचिव को निर्देश जारी : बैठक के दौरान शाह ने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं सुनिश्चित करने और उनके पुनर्वास का निर्देश दिया. साथ ही मौजूदा जातीय संघर्ष को सुलझाने के लिए समन्वित दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय जल्द से जल्द दोनों समूहों, मैतेई और कुकी से बात करेगी, ताकि दोनों समुदायों के बीच की खाई को पाटा जा सके.
हिंसा करने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
गृहमंत्री शाह ने कहा कि हिंसा करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने राहत शिविरों की स्थिति, विशेष रूप से भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में समीक्षा की.