BPSC PK legal notice: पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने हाल ही में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर और उनके सहयोगियों को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में जारी किया गया है।
क्या है मामला?
प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली होने का आरोप लगाया था और परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो गए थे और परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बीपीएससी के अधिकारी और राजनेता मिलकर इस धांधली में शामिल हैं।
आयोग का नोटिस:
बीपीएससी ने प्रशांत किशोर को नोटिस भेजकर उनसे 7 दिनों के भीतर अपने आरोपों के समर्थन में साक्ष्य देने को कहा है। आयोग ने कहा है कि यदि प्रशांत किशोर अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाए तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।
प्रशांत किशोर के आरोप:
प्रशांत किशोर ने निम्नलिखित आरोप लगाए हैं:
बीपीएससी की परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।
प्रश्नपत्र लीक हो गए थे।
परीक्षा में शामिल होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी पैसा देकर परीक्षा पास हुए हैं।
बीपीएससी के अधिकारी और राजनेता इस धांधली में शामिल हैं।
आयोग का पक्ष: BPSC PK legal notice
बीपीएससी ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है। आयोग का कहना है कि परीक्षा पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई थी और किसी भी प्रकार की धांधली नहीं हुई है। आयोग ने कहा है कि प्रशांत किशोर के आरोप निराधार हैं और उन्होंने ये आरोप केवल राजनीतिक लाभ के लिए लगाए हैं।