
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। इस बार सभी 7 नए मंत्री भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में गए हैं, जबकि जनता दल यूनाइटेड (JDU) को इस बार कोई पद नहीं मिला।
किन विधायकों को मिला मंत्री पद?
इस विस्तार में 7 नए मंत्री बनाए गए हैं, जिनमें विभिन्न जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है। आइए जानते हैं नए मंत्रियों के बारे में:
- कृष्ण कुमार मंटू – अमनौर से विधायक, कुर्मी जाति से आते हैं।
- विजय मंडल – सिकटी (अररिया) से विधायक, केवट जाति से आते हैं।
- राजू सिंह – साहिबगंज से विधायक, राजपूत समुदाय से आते हैं।
- संजय सरावगी – दरभंगा सदर से विधायक, मारवाड़ी समाज से हैं।
- जीवेश मिश्रा – जाले सीट से विधायक, भूमिहार जाति से आते हैं।
- सुनील कुमार – बिहारशरीफ से विधायक, कुशवाहा समुदाय से हैं।
- मोती लाल प्रसाद – रीगा से विधायक, तेली जाति से आते हैं।
जेपी नड्डा की मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात हुई थी। इसके बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई थीं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में मंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लगी थी।
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव, NDA का बड़ा दांव?
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा,
“भाजपा में एक व्यक्ति, एक पद का नियम है। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।”
बिहार में कितने मंत्री हो सकते हैं?
बिहार की विधानसभा संरचना के अनुसार, राज्य में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। विस्तार से पहले मंत्रिमंडल में कुल 30 मंत्री थे, जिनमें:
भाजपा – 15 मंत्री
JDU – 13 मंत्री
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) – 1 मंत्री
निर्दलीय – 1 मंत्री
यानी 6 मंत्री पद खाली थे। जायसवाल के इस्तीफा देने के बाद ये संख्या 7 हो गई थी।