
कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त 2024 को हुए एक गंभीर अपराध में, जिसमें एक महिला डॉक्टर से बलात्कार और हत्या की घटना घटित हुई, सियालदह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने सियालदह कोर्ट के फैसले को असंतोष व्यक्त करते हुए कोलकाता उच्च न्यायालय में अपील दायर की है, जिसमें वे दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता उच्च न्यायालय में बंगाल सरकार की अपील
सियालदह कोर्ट के फैसले के बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर असंतोष जताया और दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से जबरन ले लिया गया। ममता बनर्जी ने कहा कि यदि यह मामला कोलकाता पुलिस के पास रहता, तो दोषी को मृत्युदंड मिलता। उन्होंने इस घटना की सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए और कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं होने की बात कही।
सियालदह कोर्ट का फैसला
सियालदह कोर्ट में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने संजय रॉय को दोषी करार दिया और कहा कि यह अपराध “दुर्लभ से दुर्लभतम” श्रेणी में नहीं आता, जिससे मृत्युदंड दिया जा सके। इस जघन्य अपराध के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें दोषी के लिए कड़ी सजा की मांग की गई थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी है। अगर यह मामला कोलकाता पुलिस के पास रहता, तो हम सुनिश्चित करते कि दोषी को मौत की सजा मिले।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य पुलिस द्वारा जांच के ऐसे मामलों में मृत्युदंड सुनिश्चित किया गया है, और इस फैसले से वे संतुष्ट नहीं हैं।