
दिल्ली हाईकोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप है कि पतंजलि का ‘दिव्य मंजन’ शाकाहारी बताकर बेचा जा रहा है, जबकि इसमें मछली के तत्व होते हैं। इस पर हाईकोर्ट ने पतंजलि, बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिका में कहा गया है कि ‘दिव्य मंजन’ की पैकिंग पर शाकाहारी होने का हरा निशान लगा है, लेकिन इसमें ‘सामुद्रफेन’ नामक एक तत्व शामिल है, जो मछली से बनता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने और उनके परिवार ने इस मंजन का लंबे समय तक शाकाहारी समझकर उपयोग किया, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि इसमें मछली के तत्व हैं। बाबा रामदेव ने खुद एक यूट्यूब वीडियो में माना है कि ‘सामुद्रफेन’ का इस्तेमाल ‘दिव्य मंजन’ में किया गया है।
समुद्र फेन क्या होता है
दरअसल समुद्र फेन कटल फिश से मिलने वाला एक एनिमल प्रोडक्ट होता है। कटलफिश के मृत होने के बाद उसकी हड्डी समुद्र के पानी के ऊपर तैरती है। व्यक्ति को दूर से यह समुद्र के पानी पर झाग जैसा नजर आता है, लेकिन इसमें खास यह है कि 80 फीसदी कैल्शियम कार्बोनेट होता है। वहीं, इसमें फास्फेट, सिलिका और सल्फेट जैसे कई अन्य तत्व भी पाए जाते हैं।
याचिकाकर्ता का दावा है कि उनका परिवार धार्मिक रूप से मांसाहार से बचता है, और इस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से उन्हें गहरा धक्का लगा है। उन्होंने पहले भी इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाए।