
आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम में स्थानीय मछुआरे के जाल में एक बड़ी 1500 किलोग्राम की विशालकाय मछली फंसी . यह मछली व्हेल शार्क है. मछुआरे के जाल में जैसे ही ये विशालकाय मछली फंसी,तो वे इससे हैरान रह गए. जब उन्होंने देखा कि यह तो व्लेह शार्क है, तो वो खुशी से झूम उठे. क्रेन की मदद से इस विशालकाय मछली को फिर गिलकलाडिंडी बंदरगाह के किनारे पर तक गया. जहां पर चेन्नई के व्यापारियों ने तुरंत ही इसे मोटी रकम देते हुए खरीद लिया।
जानकारी के अनुसार, व्हेल शार्क यह एक लुप्तप्राय प्रजाति है जो की अपनी धीमी गति और बड़े आकार की वजह से पहचानी जाती है. 30 अगस्त को दुनिया भर में हर साल अंतरराष्ट्रीय व्हेल शार्क दिवस मनाया जाता है.
महासागरों के खुले पानी में व्हेल शार्क रहती हैं. गुजरात के समुद्री तट का तापमान उनके अनुकूल रहता है, इसी के चलते व्हेल शार्क अंडे देने के लिए गुजरात के तट की ओर आते हैं, व्हेल शार्क गुजरात की बेटी भी कही जाती है.
अमूमन व्हेल शार्क की लंबाई 40 फीट होती है.और वजन 40 टन तक होता है. वैवैज्ञानिको के अनुसार व्हेल शार्क लगभग 60-100 साल तक जीवित रह सकता है. दुनिया भर के सभी उष्णकटिबंधीय और गर्म-समशीतोष्ण समुद्रों में व्हेल शार्क पाई जाती हैं. ये मुख्यतः छोटे जीवों जैसे छोटी मछलियां, झींगे और स्क्विड इत्यादि को खाती हैं.