मध्य प्रदेशराष्ट्र

लाड़ली लक्ष्मी योजना : बालिका सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम

भोपाल। मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना ने राज्य में बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके सकारात्मक परिणामों ने अन्य राज्यों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिये प्रेरित किया है। इस योजना के सफल कार्यान्वयन और प्रभावी परिणामों ने अन्य प्रदेशों को इस तरह की योजनाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे बालिकाओं की स्थिति में सुधार देखा गया है। मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना राज्य सरकार की एक ऐसी अनूठी पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के जीवन में सुधार लाना और उनके समग्र विकास को प्रोत्साहित करना है। यह योजना बालिकाओं के प्रति समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए 2007 में शुरू की गई थी। इस योजना का मुख्य फोकस लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि वे सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।

मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में वर्ष 2023-24 में 935.8 करोड़ का व्यय हुआ है। योजना में प्रति वर्ष औसतन 1000 करोड़ का व्यय अनुमानित है। वर्तमान प्रावधान अनुसार वर्ष 2027-28 में 21 वर्ष पूर्ण कर रही बालिकाओं के लिए लगभग 1313 करोड़ राशि की आवश्यकता होगी। अब तक लाड़ली लक्ष्मी योजना में लगभग 48 लाख 86 हज़ार 832 बालिकाओं का पंजीयन किया गया है, जिन्हें अब तक 524.91 करोड़ रुपये की छात्रवृत्तियाँ प्रदान की जा चुकी हैं। वर्ष 2024-25 में कुल 1 लाख 21 हज़ार 425 बालिकाओं का पंजीयन हुआ है। इस वर्ष अब तक 48.88 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है।

वर्तमान प्रावधान अनुसार मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना वर्ष 2027 से 2032 में वित्तीय भार

वर्ष 2007 में प्रारंभ हुई इस योजना में इस वर्ष 40 हज़ार 854 बालिकाओं का पंजीकरण हुआ था। वर्ष 2027-28 में ये बालिकाएँ 21 वर्ष पूर्ण करेंगी। छात्रवृत्ति और प्रोत्साहन राशि पर 904.49 करोड़, 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर प्रति बालिका को देय राशि 1 लाख के मान से 408.54 करोड़ की राशि, कुल 1313.03 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है। इसी प्रकार वर्ष 2008-09 में कुल 1 लाख 86 हज़ार 803 बालिकाओं का पंजीकरण हुआ, जिन्हें 1209.31 करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई। वर्ष 2028-29 में 21 वर्ष पूर्ण होने पर 1868.03 करोड़ की राशि देय होगी यानी कुल 3068.38 करोड़ रुपये की राशि का व्यय अनुमानित है।

aamaadmi.in

वर्ष 2009-10 में 2 लाख 13 हज़ार 874 बालिका पंजीकृत हुईं, जिन्हें 1270.97 करोड़ की छात्रवृत्ति बांटी गई। वर्ष 2029-30 में 21 वर्ष पूर्ण होने पर 2138.74 करोड़ की राशि देय होगी। इस पर कुल 3409.71 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित होगा। वर्ष 2010-11 में पंजीकृत 3 लाख 5 हज़ार 228 बालिकाओं को 1291.39 करोड़ की छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई। वर्ष 2030-31 में 21 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 3052.28 करोड़ रुपये, कुल 4343.87 करोड़ की राशि का व्यय होगा।

मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना में वर्ष 2011-12 में 3 लाख 80 हज़ार 260 बालिकाओं का पंजीकरण कर 1329.26 करोड़ रुपये की छात्रवृत्तियाँ दी गईं। इन बालिकाओं को वर्ष 2031-32 में 21 वर्ष पूर्ण होने पर 3802.6 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इस पर कुल 5131.80 करोड़ रुपये की राशि का व्यय अनुमानित है।

अन्य प्रदेशों पर लाड़ली लक्ष्मी योजना का असर

मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना को देखते हुए अन्य राज्यों ने भी बालिकाओं के सशक्तिकरण और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए इसी प्रकार की योजनाओं की शुरुआत की है।

दिल्ली

दिल्ली सरकार ने लाड़ली योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को शिक्षा के विभिन्न चरणों पर वित्तीय सहायता प्रदान करना और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार करना है।

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में कन्या सुमंगला योजना चलाई जा रही है, जो लड़कियों की शिक्षा और उनके जन्म से लेकर विवाह तक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

बिहार

बिहार में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रेरित है और इसी प्रकार की संरचना का पालन करती है।

राज्यों के नीतिगत सुधार

कई राज्यों ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की सफलता को देखते हुए बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए अपने नीतिगत ढांचे में बदलाव किए हैं। इन योजनाओं का ध्यान बालिकाओं के जन्म के बाद उन्हें वित्तीय सुरक्षा और शिक्षा में सहायता प्रदान करना है, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।

बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना ने न केवल मध्यप्रदेश, बल्कि अन्य राज्यों में भी बेटियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने में मदद की है। समाज में बेटियों को बोझ मानने की धारणा को बदलने में यह योजना महत्वपूर्ण रही है। अन्य राज्यों ने इसे एक उदाहरण के रूप में देखा और समाज में बेटियों के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के लिए ऐसी योजनाओं को अपनाया।

लिंग अनुपात में सुधार

लाड़ली लक्ष्मी योजना का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के साथ-साथ लिंग अनुपात में सुधार करना भी है। इसकी सफलता ने अन्य प्रदेशों को भी लिंग अनुपात को संतुलित करने की दिशा में प्रेरित किया है। इस तरह की योजनाओं से कई राज्यों में बालिकाओं के जन्म और शिक्षा के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ी है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन ने राष्ट्रीय स्तर पर बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित किया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि सरकारें और समाज मिलकर बालिकाओं के उत्थान के लिए काम करें, तो यह न केवल महिलाओं, बल्कि पूरे समाज के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

इस योजना के दूरगामी प्रभाव को देखकर यह कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना एक मॉडल के रूप में उभरी है, जिसने देशभर में महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अन्य राज्यों को नई दिशा दी है।

join whatsapp channel

delhi news today | cm delhi news | aap party delhi news | bjp party delhi news | congress party delhi news | air quality index delhi news | ani delhi news | ians delhi news today | PTI delhi news | delhi news crime | arvind kejariwal news | delhi news english | chhattisgarh news today | chhattisgarh news accident | chhattisgarh news aaj ki taaja khabar | aaj ka chhattisgarh news | aaj ki chhattisgarh news | bjp party chhattisgarh news | chhattisgarh news raipur | vishnudev say news chhattisgarh | chhattisgarh news channel samachar | छत्तीसगढ़ न्यूज़ चैनल | cg chhattisgarh news | congress chhattisgarh news | daily chhattisgarh news | dpr chhattisgarh news | digital chhattisgarh news | chhattisgarh news english | chhattisgarh news epaper | chhattisgarh news election | chhattisgarh news ed


aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
विराट कोहली की सेंचुरी से खुश हुए पाकिस्तानी भारत बनाम पाकिस्तान, हेड टू हेड रिकॉर्ड पाकिस्तान में बजा भारत का राष्ट्रगान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत का शेड्यूल