New Delhi: अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा विवाद दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान एक बड़ा मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर अपने चरम पर है। इस मुद्दे का केंद्र में यह है कि AAP प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आतंकियों की धमकियां मिलती रहती हैं और पंजाब पुलिस ने इसे लेकर चिंता जताई है।
क्या अरविंद केजरीवाल को पंजाब पुलिस सुरक्षा की जरूरत है?
आम आदमी पार्टी ने तर्क दिया है कि अरविंद केजरीवाल को पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, जिसमें 63 पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं। इस सुरक्षा के बावजूद, पंजाब पुलिस ने उनकी सुरक्षा को कम करने का फैसला किया है, जिसे AAP ने गलत माना है।
दिल्ली पुलिस का क्या है कहना?
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा का मामला उनकी जिम्मेदारी है, और पंजाब पुलिस की तैनाती की जरूरत नहीं है। AAP ने तर्क दिया है कि दिल्ली पुलिस की सुरक्षा पर भरोसा नहीं है, और इसलिए, पंजाब पुलिस की सुरक्षा की जरूरत है।
क्या राजनीतिकरण का मुद्दा है?
इस मामले में यह भी सवाल उठता है कि क्या यह मामला राजनीतिकरण का है? AAP का कहना है कि यह मामला सच्ची सुरक्षा का है, लेकिन बीजेपी ने इसे राजनीतिकरण का मुद्दा बताया है। राजनीतिक विश्लेषक सौरभ दुबे ने कहा है कि यह सीधे-सीधे VVIP ट्रीटमेंट के लिए सुरक्षा लेने का मामला है।
क्या पंजाब पुलिस का पक्ष कमजोर है?
पंजाब पुलिस का कहना है कि वे अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि वे दिल्ली पुलिस के साथ साझा किए गए विश्लेषण के आधार पर इस फैसले का समर्थन करते हैं। AAP ने तर्क दिया है कि पंजाब पुलिस का पक्ष कमजोर है, और यह मामला सच्ची सुरक्षा का है।
क्या अरविंद केजरीवाल को दिल्ली पुलिस के खिलाफ अदालत जाना चाहिए?
AAP ने कहा है कि अगर वास्तव में अरविंद केजरीवाल को आतंकियों की धमकियां मिलती हैं और पंजाब पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को जानकारी दी है, तो शर्तिया अरविंद केजरीवाल को अदालत में जाना चाहिए और दोहरी सुरक्षा की मांग करनी चाहिए।