नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार के बीच, दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक चुनाव प्रचार करने के लिए कस्टडी पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ताहिर हुसैन को क्या राहत मिली?
सुप्रीम कोर्ट ने ताहिर हुसैन को चुनाव प्रचार के लिए कस्टडी पैरोल दी, लेकिन इसके साथ कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी जुड़ी हैं। कोर्ट ने कहा कि हुसैन को अपनी कस्टडी पैरोल के लिए सभी खर्चों का भुगतान करना होगा। इसमें तैनात किए जाने वाले दिल्ली पुलिस अधिकारियों की फीस, जेल वैन और एस्कॉर्ट की खर्चीली सेवाएं शामिल हैं। कुल मिलाकर, उन्हें जेल मैनुअल के तहत लगभग 2 लाख रुपये की राशि जमा करनी होगी।
क्या हैं कस्टडी पैरोल की शर्तें?
समय की सीमा: ताहिर हुसैन को हर दिन सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ही चुनाव प्रचार के लिए बाहर जाने की अनुमति होगी।
वित्तीय शर्तें: इस दौरान ताहिर हुसैन को दो दिनों के लिए लगभग 2 लाख 7 हजार रुपये की अग्रिम राशि जमा करनी होगी।
घर जाने की अनुमति नहीं: प्रचार के दौरान ताहिर हुसैन को अपने घर जाने की अनुमति नहीं होगी। वह केवल पार्टी कार्यालय में जा सकते हैं, केस से संबंधित मामले पर कोई बयान नहीं देगा।
कस्टडी पैरोल की शर्तें: कोर्ट ने यह भी कहा कि पैरोल की शर्तें जेल मैनुअल के अनुरूप होंगी, और ताहिर हुसैन को हर शर्त का पालन करना होगा।
ताहिर हुसैन का चुनाव प्रचार
ताहिर हुसैन की कस्टडी पैरोल दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। वह अपनी पार्टी, AIMIM, के प्रचार अभियान में हिस्सा लेकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करेंगे।