![सुप्रीम कोर्ट का सख्त कदम, तिरुपति लड्डू मामले की जांच के लिए SIT नियुक्त 1 सुप्रीम कोर्ट का सख्त कदम, तिरुपति लड्डू मामले की जांच के लिए SIT नियुक्त](https://i0.wp.com/www.aamaadmi.in/wp-content/uploads/2024/10/Radhika-Feature-Image-15-780x470-1.jpg?resize=780%2C470&ssl=1)
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू विवाद की गहराई में जाने के लिए एक नई विशेष जांच टीम (SIT) बनाने का आदेश दिया है। इस निर्णय के तहत, पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया जाएगा, जिसमें दो अधिकारी सीबीआई से, दो राज्य सरकार के और एक FSSAI का प्रतिनिधि शामिल होगा। इस पूरे जांच प्रक्रिया की निगरानी सीबीआई के डायरेक्टर करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को राजनीतिक विवाद का मैदान नहीं बनने देना चाहता। पहले यह मामला आंध्र प्रदेश सरकार के अधिकारियों द्वारा जांचा जा रहा था, लेकिन कोर्ट ने मिलावट के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए नए SIT के गठन का आदेश दिया।
तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसाद से जुड़ी याचिकाएं कई बार सुप्रीम कोर्ट में उठ चुकी हैं। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने इन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए नई जांच टीम बनाने का निर्णय लिया।
सुनवाई के दौरान क्या हुआ?
याचिकाकर्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में कहा कि मामले की गूंज फिर से सुनाई दी है और उन्होंने अनुरोध किया कि इस जांच को SIT के बजाय किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि SIT की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है और उन्होंने सुझाव दिया कि इस जांच की निगरानी एक सीनियर अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। आंध्र प्रदेश सरकार के वकील ने भी कोर्ट को आश्वस्त किया कि यदि किसी अधिकारी को SIT में जोड़ा जाना हो तो वे तैयार हैं।
सियासी ड्रामा नहीं चाहते – कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि यह मामला करोड़ों भक्तों की आस्था से जुड़ा है और इसे राजनीतिक ड्रामा में नहीं बदला जाना चाहिए। इसके लिए, कोर्ट ने 5 सदस्यीय SIT के गठन का सुझाव दिया, जिसमें सीबीआई के दो अधिकारी और एक FSSAI का सदस्य शामिल होगा। इस तरह, तिरुपति लड्डू विवाद की जांच एक नए मोड़ पर पहुँच गई है, जो धार्मिक आस्था के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर भी केंद्रित है।