
Supreme Court slams ED: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में पूछताछ के तरीकों पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने एजेंसी द्वारा आधी रात तक पूछताछ करने और लगभग 15 घंटे तक व्यक्ति को परेशान करने को अमानवीय और अहंकारी बताया।
ED के पूछताछ के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता
जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि ED का यह रवैया एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर करने जैसा है। कोर्ट ने इसे चौंकाने वाला और अस्वीकार्य करार दिया। यह टिप्पणी हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी के मामले में की गई, जिन्हें अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जुलाई में रात 1:40 बजे गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी को माना गलत
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के हाईकोर्ट द्वारा सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को रद्द करने के आदेश को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने सितंबर में पाया था कि पंवार से पूछताछ अमानवीय तरीके से की गई थी।
ED के तर्क Supreme Court slams ED
ED के वकील जोहेब हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि पूछताछ 24 घंटे तक नहीं चली थी और बीच-बीच में ब्रेक दिया गया था। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने प्रक्रिया में सुधार के लिए प्रयास किए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क खारिज कर दिया और पूछा कि बिना उचित ब्रेक के इतनी लंबी पूछताछ करना कैसे सही हो सकता है।
हाईकोर्ट का निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सुरेंद्र पंवार को सुबह 11 बजे ED के कार्यालय बुलाया गया था और 14 घंटे 40 मिनट तक पूछताछ के बाद रात 1:40 बजे गिरफ्तार किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने इसे व्यक्ति को प्रताड़ित करने जैसा बताया और कहा कि ऐसा व्यवहार कानून के तहत स्वीकार्य नहीं है।