वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। इस घटना के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।
विपक्ष की आलोचना
बैठक के बाद, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि जगदम्बिका पाल ने विपक्ष की आवाज को अनसुना किया और कार्यवाही में तानाशाही रवैया अपनाया। बनर्जी ने कहा कि अध्यक्ष ने “जमींदारी” की तरह कार्यवाही चलाई, जिससे विपक्ष को अपनी बात रखने का उचित मौका नहीं मिला।
जेपीसी अध्यक्ष का बयान
जेपीसी अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने इस हंगामे का जवाब देते हुए कहा कि बैठक के दौरान विपक्षी सांसद संसद की तरह हंगामा करने लगे और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया। इसके बाद, सांसद निशिकांत दुबे ने प्रस्ताव रखा, जिसके बाद विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
VIDEO | Here’s what BJP MP Jagdambika Pal (@jagdambikapalmp), JPC chairman, said on Opposition members being suspended from Parliamentary panel on Waqf bill.
“A delegation had come (from Jammu and Kashmir) and the opposition (members) started shouting slogans and used derogatory… pic.twitter.com/Ocm3Rbk2m5
— Press Trust of India (@PTI_News) January 24, 2025
निशिकांत दुबे का बयान
निशिकांत दुबे ने कहा कि विपक्ष, खासकर असदुद्दीन ओवैसी का मानना था कि जम्मू-कश्मीर का पूरा प्रतिनिधित्व नहीं सुना गया और निर्वाचित प्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक को विपक्ष के सुझाव पर स्थगित किया गया और यह कार्यवाही संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ थी, क्योंकि मीरवाइज के सामने हंगामा और दुर्व्यवहार किया गया।