दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया है। केजरीवाल के बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के प्रति दिए गए विवादित बयान के बाद, बीजेपी ने उन्हें कठघरे में खड़ा किया है।
केजरीवाल का बयान और बीजेपी की प्रतिक्रिया
अरविंद केजरीवाल द्वारा बिहार और यूपी के लोगों के खिलाफ की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, ऋतुराज सिन्हा ने कहा, “जो लोग शोषण करते हैं और अपने बच्चों की झूठी कसम तक खा लेते हैं, वे अगर बिहारी और यूपी के लोगों के बारे में अपशब्द बोल रहे हैं तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के आस-पास केजरीवाल की “नौटंकी” शुरू हो जाती है, जिसमें वे कभी झुग्गी-झोपड़ी में सोने का दावा करते हैं तो कभी पूर्वांचल के लोगों के सबसे बड़े हितैषी होने का।
मौलिक अधिकारों का जिक्र
ऋतुराज ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत नागरिकों को किसी भी राज्य में रहने और जीविका कमाने का मौलिक अधिकार है। उन्होंने केजरीवाल के बयानों को संविधान विरोधी मानते हुए कहा, “केजरीवाल जी, आपका दिया गया मूर्खतापूर्ण बयान यह साफ करता है कि संविधान विरोधी कौन है।”
पूर्वांचल के योगदान की बात
ऋतुराज सिन्हा ने जोर देकर कहा कि बिहार और यूपी के लोग देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। उन्होंने कहा, “बड़े कारखाने, सार्वजनिक परिवहन या सरकारी कार्यालय बिना बिहार और यूपी के लोगों के सहयोग के चलाना मुश्किल है। ये लोग ईमानदारी और मेहनत में विश्वास करते हैं, धोखे और फरेब में नहीं।”
सीधी चुनौती
उन्होंने केजरीवाल को सीधी चुनौती देते हुए कहा, “अगर आप सच में हिम्मत रखते हैं, तो संकल्प लें कि विधानसभा चुनाव में आप पूर्वांचल के लोगों का वोट नहीं लेंगे और अपनी पार्टी से पूर्वांचल के उम्मीदवार भी नहीं उतारेंगे। अगर आप यूपी और बिहार वालों को दिल्ली से निकालने का सपना देख रहे हैं, तो जाग जाइए।” उन्होंने आगाह किया कि यदि बिहारी और यूपी के लोग एकजुट हो गए, तो केजरीवाल को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
यह बयानबाजी चुनावी माहौल को और भी गरमाने का काम कर रही है। ऋतुराज सिन्हा ने स्पष्ट रूप से यह मंशा दिखाई है कि बीजेपी पूर्वांचल के मतदाताओं को लेकर बेहद गंभीर है और वे केजरीवाल के बयानों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। अब यह देखना होगा कि दिल्ली की जनता इस राजनीतिक बयालुकों का कैसे जवाब देती है।