
15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। यह घटना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर तेजी से वायरल हो गई, जहां वीडियो में भयावह स्थिति और मृतकों के दृश्य दिखाए गए।
इस पर रेलवे मंत्रालय ने तुरंत X को नोटिस भेजा और इन वीडियो को हटाने का निर्देश दिया। मंत्रालय ने 36 घंटे के भीतर कार्रवाई करने को कहा, यह तर्क देते हुए कि ऐसे वीडियो नैतिकता, कानून-व्यवस्था और रेलवे संचालन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
क्यों हटाए गए ये वीडियो?
रेलवे मंत्रालय ने इस फैसले के पीछे कई अहम कारण दिए:
संवेदनशीलता – इन वीडियो में शवों के दृश्य थे, जो लोगों को मानसिक रूप से परेशान कर सकते हैं।
कानून-व्यवस्था – इस तरह के वीडियो से अफवाहें फैल सकती हैं और दहशत का माहौल बन सकता है।
रेलवे संचालन पर असर – डर और तनाव के कारण यात्रियों की भीड़ बढ़ सकती है, जिससे रेलवे को संचालन में दिक्कत हो सकती है।
रेलवे मंत्रालय को कैसे मिला यह अधिकार?
24 दिसंबर 2023 से, आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(B) के तहत रेलवे मंत्रालय को यह अधिकार दिया गया कि वह सीधे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नोटिस भेज सकता है। पहले यह काम आईटी मंत्रालय और ब्लॉकिंग समिति के जरिए होता था।
X की कंटेंट पॉलिसी क्या कहती है?
X की पॉलिसी के अनुसार:
ग्राफिक कंटेंट तभी शेयर किया जा सकता है, जब उसे सही तरीके से लेबल किया जाए।
हिंसा को बढ़ावा देने वाले वीडियो प्रतिबंधित होते हैं।
मृतकों के शव दिखाने वाली सामग्री प्लेटफॉर्म की पॉलिसी के खिलाफ है।
इसी वजह से रेलवे मंत्रालय ने X को चेतावनी दी कि इस तरह की सामग्री प्लेटफॉर्म पर नहीं होनी चाहिए।
अगर वीडियो नहीं हटाए जाते तो क्या होता?
अगर X ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो उसे “Safe Harbour Protection” खोने का खतरा था। यह सुरक्षा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कानूनी कार्रवाई से बचाती है। यदि धारा 79(3)(B) के तहत सरकार के आदेश को नजरअंदाज किया जाता, तो X पर कानूनी कार्रवाई हो सकती थी।
पहले भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने सोशल मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के निर्देश दिए हों। इससे पहले, जनवरी 2024 में रेलवे मंत्रालय ने YouTube और Instagram को भी ऐसे संवेदनशील और भ्रामक कंटेंट हटाने के लिए नोटिस भेजा था।
Meta (Facebook और Instagram की पैरेंट कंपनी) ने उस समय कार्रवाई की पुष्टि भी की थी।