दिल्ली की हवा अब इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दीवाली से पहले ही प्रदूषण ने ऐसा धुंध का चादर ओढ़ लिया है कि लोग बेचैन हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तो आज आनंद विहार में सुबह-सुबह 454 तक पहुंच गया। इस माहौल में दिल्ली सरकार ने बीजेपी पर आरोपों की बौछार कर दी है। मुख्यमंत्री आतिशी का कहना है कि दिल्ली की बिगड़ती हवा और पानी के पीछे बीजेपी की “गंदी राजनीति” है।
आज सुबह मुख्यमंत्री आतिशी और पर्यावरण मंत्री आनंद विहार में प्रदूषण की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की हवा को खराब करने में सबसे बड़ा हाथ उत्तर प्रदेश से आने वाली डीजल बसों का है, जो आनंद विहार के प्रदूषण का प्रमुख कारण हैं। उन्होंने यूपी सरकार से इस पर चर्चा की जरूरत बताई और कहा कि इन बसों के कारण दिल्ली का प्रदूषण लगभग दोगुना हो रहा है।
दिल्ली सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी नहीं है। मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि 99 टीमें दिल्ली भर में धूल पर नियंत्रण रखने का काम कर रही हैं, और 325 से अधिक स्मॉग गन लगाने की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, PWD और MCD भी प्रदूषण से निपटने के लिए अपने संसाधन झोंक चुके हैं। लेकिन सवाल उठता है कि जब दिल्ली अपनी बसों को CNG और इलेक्ट्रिक में बदल रही है, तो हरियाणा और यूपी सरकारें ऐसा क्यों नहीं कर रही हैं?
सिर्फ हवा ही नहीं, यमुना नदी का सफेद जहरीला झाग भी चर्चा में है। आतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी की लापरवाही के कारण न सिर्फ हवा, बल्कि यमुना का पानी भी प्रदूषित हो गया है। पंजाब में AAP सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को 50% तक कम कर दिया, लेकिन हरियाणा और यूपी में स्थिति बदतर होती जा रही है। खासकर यूपी में, पराली जलाने की घटनाएं 70% तक बढ़ गई हैं, जिससे हवा और भी खराब हो रही है।
आनंद विहार में जहां दिल्ली की बसें CNG से चलती हैं, वहीं यूपी और हरियाणा से आने वाली डीजल बसें प्रदूषण का बड़ा कारण बनी हुई हैं। आतिशी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सरकारें “गंदी राजनीति” कर रही हैं, इसलिए वे प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले कदमों पर ध्यान नहीं दे रही हैं। ईंट भट्टों का मुद्दा भी उठाते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक भी भट्ठा नहीं है, लेकिन एनसीआर में 3800 ईंट भट्टे दिल्ली के प्रदूषण में बड़ा योगदान दे रहे हैं।