
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले, अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता पर शराब नीति मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मंजूरी मिल गई है। ED का आरोप है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर कुछ संस्थाओं को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 5 दिसंबर को ED को यह मंजूरी दी थी। शराब नीति मामले में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भी केजरीवाल के खिलाफ जांच कर रहा है।
ED का कहना है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के साथ मिलकर रिश्वत ली और उन्हें शराब दुकानों में हिस्सेदारी दिलवाने का फायदा पहुंचाया। ED ने यह भी आरोप लगाया कि इस अपराध से आए 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में AAP ने किया।
AAP ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि 250 से ज्यादा छापे मारे गए, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। पार्टी का कहना है कि भाजपा का असली मकसद केजरीवाल को फंसाना है।
यह मामला दिल्ली सरकार द्वारा नवंबर 2021 में लागू की गई शराब नीति से जुड़ा है, जिसमें शराब के ठेके निजी कंपनियों को दिए गए थे। आरोप है कि इस नीति में भ्रष्टाचार हुआ और शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें लाभ पहुंचाया गया।
केजरीवाल को मार्च 2023 में ED ने गिरफ्तार किया था और वे 176 दिन तक जेल में रहे। हालांकि, 13 सितंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वे रिहा हो गए।