
हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोप को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और उसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बुधवार को यह घोषणा की कि राज्य सरकार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी। उन्होंने बताया कि यह मामला सोनीपत में CJM कोर्ट में डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 2D और 154 के तहत दर्ज किया जाएगा।
विपुल गोयल ने क्या कहा?
विपुल गोयल ने केजरीवाल के बयानों को गंभीर और गैर-जिम्मेदार बताया। उनका कहना था, “केजरीवाल ने हरियाणा और दिल्ली की जनता में दहशत फैलाने का काम किया। वह कहते हैं कि यमुना में हरियाणा सरकार ने जहर मिलाया है, लेकिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी इस पानी को पीते हैं। क्या हरियाणा सरकार ज़हरीला पानी देने का काम करेगी? इस तरह के झूठे आरोपों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।” गोयल ने यह भी कहा कि केजरीवाल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है, और हरियाणा सरकार उन्हें नहीं बख्शेगी।
चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा
इससे पहले, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने अरविंद केजरीवाल को “यमुना में जहर” के दावे को साबित करने के लिए नोटिस भेजा था। आयोग ने उन्हें कानूनी समस्याओं से बचने के लिए 8 बजे तक अपना दावा साबित करने का समय दिया। आयोग ने यह चेतावनी दी कि यदि केजरीवाल अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाए तो उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है।
चुनाव आयोग के आदेश और कानूनी प्रावधान
चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 197 और 353 का हवाला दिया। इसके तहत यदि केजरीवाल के आरोप झूठे साबित होते हैं, तो उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है। आयोग ने यह भी कहा कि केजरीवाल के बयान राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक शांति को नुकसान पहुंचा सकते हैं, और इससे राज्य सरकारों और उनके नागरिकों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती है।