दिल्ली में हालिया घटनाक्रम: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को केंद्रीय गृह मंत्रालय से आवश्यक अनुमति मिल गई है। यह Entwicklung उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया को एक नया मोड़ दे सकती है।
कानूनी पृष्ठभूमि:
केजरीवाल और सिसोदिया ने पहले यह दलील दी थी कि उन्हें मुकदमा चलाने के लिए ED को सक्षम प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य था, जिससे निचली अदालत की कार्यवाही को चुनौती दी जा रही थी। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट किया था कि सार्वजनिक सेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक अनुमति लेना जरूरी है।
कमजोरियों में हो सकती बढ़ोतरी:
अब जब ED को यह अनुमति मिल गई है, तो यह दोनों नेताओं के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही को आगे बढ़ा सकता है। यदि हाई कोर्ट केजरीवाल और सिसोदिया की याचिकाओं की सुनवाई में ED की मंजूरी को मान्यता देता है, तो निचली अदालत को चार्जशीट पर फिर से संज्ञान लेना पड़ेगा।
आगे की कार्रवाई:
30 जनवरी को दिल्ली हाई कोर्ट में अगली सुनवाई होगी, जहां ED को इस मंजूरी की जानकारी देनी होगी। यदि कोर्ट इसे स्वीकार करता है, तो आरोप तय होने की संभावना बढ़ जाएगी, जिससे केजरीवाल और सिसोदिया को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
इस मंजूरी के साथ, केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सक्रियता बढ़ सकती है, और दोनों नेताओं को आवश्यक कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसका प्रभाव उनके राजनीतिक करियर पर भी पड़ सकता है, खासकर आगामी चुनावों के संदर्भ में।