
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की रेंज में अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सक्रिय रूप से शामिल हो गए हैं। उन्होंने गुरुवार को किराड़ी में भाजपा उम्मीदवार बजरंग शुक्ला के समर्थन में आयोजित एक जनसभा में अर्विंद केजरीवाल की सरकार पर जोरदार हमले किए।
यमुना के मुद्दे पर की चुनौती
योगी ने कहा, “केजरीवाल जी ने यमुना को गंदे नाले में बदल दिया है। अगर मैं अपनी पूरी कैबिनेट के साथ संगम में स्नान करने जा सकता हूँ, तो क्या केजरीवाल और उनकी कैबिनेट यमुना में स्नान कर सकते हैं?” यह बयान उन्होंने तब दिया जब उन्होंने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए महाकुंभ के संदर्भ में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या का जिक्र किया।
दिल्ली की सड़कों की स्थिति पर अवलोकन
उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान दिल्ली की सड़कें देखीं और कहा, “सड़क पर गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है, यह मैं खुद देख रहा हूँ। दिल्ली में हर जगह कूड़ा पड़ा है और राजधानी की इतनी दुर्गति हो गई है कि यह चिंता का विषय है।” उनके अनुसार, यह स्थिति बताती है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली का बुरा हाल कर दिया है।
आम आदमी पार्टी पर आरोप
योगी ने आप को “झूठ बोलने की एटीएम मशीन” करार देते हुए कहा कि पार्टी ने दिल्ली की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और “रोहिंग्या प्रवासियों को दिल्ली में बसाया जा रहा है।”
योगी का महाकुंभ का उदाहरण
योगी ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन का संदर्भ देते हुए कहा, “अगर आप प्रयागराज आएंगे, तो आपको शानदार सड़कें और विद्युतीकरण मिलेगा।” उन्होंने यूपी को पूरे देश में एक विकसित मॉडल के रूप में पेश कर दिल्ली सरकार की तुलना में एक सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
इस जनसभा के माध्यम से योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में भाजपा के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया है, और यह स्पष्ट है कि वह केजरीवाल को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर रहे हैं। चुनावी माहौल में इस प्रकार की बयानबाजी से राजनीतिक तापमान और भी बढ़ने की संभावना है।