
Delhi News: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार एक और विवाद में घिरती हुई नजर आ रही है, खासकर विधानसभा चुनाव से पहले। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की लंबित 14 रिपोर्ट्स ने अब राजनीति का रूप ले लिया है और इन रिपोर्ट्स को लेकर दिल्ली सरकार की नीयत पर सवाल उठने लगे हैं। इन रिपोर्ट्स को लेकर उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने की अपील की है। यह कदम उस समय उठाया गया है, जब दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी में समाप्त होने वाला है और विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द हो सकती है।
इन 14 CAG रिपोर्ट्स की एक साल से ज्यादा समय से अनदेखी की जा रही थी, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने AAP सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा का आरोप है कि इन रिपोर्ट्स में दिल्ली सरकार की अनियमितताओं का भंडाफोड़ हो सकता है, और यही कारण है कि AAP सरकार इन रिपोर्ट्स को जानबूझकर छुपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने इस मुद्दे को विधानसभा में और विधानसभा के बाहर जोर-शोर से उठाया है, और आरोप लगाया है कि AAP सरकार में वित्तीय अनियमितताएँ हैं जिनसे जनता की नजरें बचाई जा रही हैं।
एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार से यह स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें तुरंत विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए, ताकि इन रिपोर्ट्स पर चर्चा की जा सके और सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सके। एलजी ने अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को बिना समय गंवाए इन रिपोर्ट्स को विधानसभा के पटल पर रखना चाहिए और इसका स्पष्ट जवाब देना चाहिए। इस पत्र में एलजी ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री द्वारा की गई देरी से विधानसभा और जनता को सरकार की कार्यप्रणाली की जांच का अधिकार बाधित हुआ है।
यह विवाद अब दिल्ली की राजनीति का एक प्रमुख मुद्दा बन गया है, खासकर चुनावी माहौल में। भाजपा ने आरोप लगाया है कि AAP सरकार जानबूझकर इन रिपोर्ट्स को दबाने का प्रयास कर रही है, ताकि चुनाव से पहले इनके नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सके। इन रिपोर्ट्स में शराब शुल्क, प्रदूषण नियंत्रण और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण मसलों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार ने इन क्षेत्रों में भारी गड़बड़ियां की हैं, और इन्हें छुपाने की कोशिश की जा रही है।
अब देखना यह है कि क्या AAP सरकार इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने के बाद जनता के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर पाती है, या फिर यह मामला चुनावी माहौल में पार्टी की छवि को और भी नुकसान पहुंचा सकता है। चुनाव के नजदीक आते ही इस मामले ने दिल्ली की राजनीति को गरमा दिया है और यह साफ है कि यह मुद्दा अब AAP के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है।