
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए 1463 स्वास्थ्य कर्मियों की तत्काल भर्ती को मंजूरी दी है। इसमें 701 नर्स और 762 पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं, जिन्हें आईसीएसआईएल, एनआईसीएसआई, बीईसीआईएल, एचएलएल जैसी पीएसयू एजेंसियों के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया जाएगा। दिल्ली के अस्पताल इन कर्मियों को भर्ती के लिए सीधी भर्ती प्रक्रिया का पालन करते हुए भर्ती कर सकते हैं, लेकिन उन्हें भर्ती नियमों (आरआर) में छूट मिलेगी।
यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा स्वास्थ्य अवसंरचना, अस्पतालों की बिस्तर क्षमता और जनशक्ति की कमी पर उठाए गए सवालों के बाद लिया गया। कोर्ट ने शहर की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया था। इस पर आधारित एक समिति, जिसका नेतृत्व डॉ. एसके सरीन कर रहे थे, ने नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को गंभीर मुद्दा बताते हुए तत्काल तैनाती के लिए आउटसोर्स एजेंसियों की सिफारिश की थी।
इसके अलावा, दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल मच्छरों और गंदगी के कारण संक्रमण और परजीवियों से 21 हजार लोगों की मौत हुई, और कैंसर से मरने वाले मरीजों की संख्या में 12% का अंतर आया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल के अलावा जलापूर्ति, सीवर और सफाई व्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है, जिससे यह स्थिति और गंभीर हो गई है।