
नई दिल्ली: दिल्ली में 2024 में अपराध के बढ़ते आंकड़े इंसानियत को फिर से शर्मसार कर रहे हैं। जहां एक ओर दिल्ली में विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दिल्ली पुलिस के अपराध संबंधी आंकड़े दिल दहला देने वाले हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता लगातार दिल्ली की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन आंकड़े खुद गवाही दे रहे हैं कि इस साल दिल्ली में अपराध का स्तर और भी बढ़ गया है।
हत्या और रेप में कमी, लेकिन बाकी अपराधों में वृद्धि
दिल्ली में हालांकि कुछ अपराधों में कमी आई है, जैसे कि रेप और छेड़खानी के मामले। पिछले साल दिल्ली में 2141 रेप के मामले थे, लेकिन इस बार यह संख्या 1919 रही, जो कि 10.36 प्रतिशत की कमी को दर्शाती है। इसी तरह, छेड़छाड़ के मामलों में भी 19.10 प्रतिशत की कमी आई है। हालांकि, यह राहत की खबर नहीं है, क्योंकि दिल्ली में अन्य अपराधों में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
चोरी, किडनैपिंग और डकैती में भारी बढ़ोतरी
2024 में दिल्ली में अपराधों के अन्य प्रमुख मामलों में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। चोरी के मामलों में 25.2 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ है। घरों में चोरी के मामले बढ़कर 12,698 हो गए हैं। वहीं, किडनैपिंग और फिरौती के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है। साल 2024 में 150 किडनैपिंग के मामले सामने आए, जबकि डकैती के मामले 23 प्रतिशत बढ़े हैं। यह आंकड़े दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था को और भी उजागर करते हैं।
महिला और बच्चियों के खिलाफ अपराधों में मिश्रित परिणाम
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में हालांकि कुछ राहत मिली है, क्योंकि 2024 में इन मामलों में 4 प्रतिशत की कमी आई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अपराधों की दर में सुधार हो रहा है। दिल्ली में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल बन चुका है, और इन अपराधों की संख्या भले ही कुछ कम हुई हो, लेकिन फिर भी यह चिंता का विषय है कि इस तरह के अपराध अभी भी हो रहे हैं।
क्या आम आदमी पार्टी इन आंकड़ों पर कुछ कदम उठाएगी?
दिल्ली में बढ़ते अपराध के आंकड़े आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। क्या दिल्ली की सरकार इस ओर ध्यान देगी? अपराधों की रोकथाम के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे, या फिर पार्टी का पूरा ध्यान सिर्फ चुनावी वादों पर रहेगा? इस समय जब दिल्ली के नागरिक कानून व्यवस्था की खामियों से जूझ रहे हैं, तब आम आदमी पार्टी को अपनी प्राथमिकताओं पर पुनः विचार करना होगा।
इस बार के आंकड़े साफ तौर पर यह दिखाते हैं कि दिल्ली में अपराध बढ़ने की दर कहीं न कहीं सरकार की नाकामी को उजागर कर रही है, और दिल्लीवासियों को इससे निपटने के लिए सख्त कदमों की जरूरत है।