शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय और अनुसंधान केंद्र की मेहनत अब रंग लाने लगी है। यहां विकसित की गई कोदो की सीजी कोदो-3, कुटकी की सोनकुटकी और रागी की सीजी रागी-3 वैरायटी के बीजों से 9 राज्यों में खेती होगी। इन किस्मों को भारत सरकार ने 2021 में गजट में भी प्रकाशित किया था। अब मांग अलग-अलग राज्यों में होने लगी है।
देश के किसान किसान इन किस्मों से खेती कर अधिक से अधिक लाभ ले सकें। इसके लिए अब इनके बीज दूसरे राज्यों में भेजे जाने लगे हैं। वैज्ञानिकों ने अभी सीजी कोदो-3 के 18 क्विंटल बीज तमिलनाडु, कर्नाटक, यूपी, एमपी, ओडिशा और उत्तराखंड समेत छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में भेजा है।
तो वहीं दूसरी ओर छग सोनकुटकी के 2 क्विंटल बीज भी यूपी, एमपी और दक्षिण भारत में भेजे। सीजी रागी-3 के 16 क्विंटल बीज की असम, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में सप्लाई कर दी है।
25 क्विं./हेक्टेयर उत्पादन
दूसरे राज्यों में भेजे गए बीजों के से 390 हेक्टेयर में खेती होगी। किसान इन बीजों का उपयोग करते 180 हेक्टेयर में कोदो, 50 हेक्टेयर में कुटकी व 160 हेक्टेयर में रागी की खेती कर सकेंगे। एक हेक्टेयर में 25 क्विंटल तक उत्पादन होगा। फसल तैयार होने में 115 दिन लगेंगे। सामान्य बीजों में सिर्फ 15 क्विंटल उत्पादन होता है।