
बस्तर में माओवाद के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 253 नए मोबाइल टॉवर लगाए हैं, जिससे सुरक्षा बलों को तुरंत कमांड मिल रहा है। कई इलाकों में पहली बार मोबाइल नेटवर्क पहुंचा है।
एनआईए ने हाल ही में 18 नए मामले दर्ज किए हैं और नक्सलियों को फंडिंग करने वालों की गिरफ्तारी की है, जिससे नक्सलियों का वित्तीय तंत्र कमजोर हुआ है। एनआईए कुल 27 मामलों की जांच कर रहा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल घटनाओं की जांच के लिए राज्य अन्वेषण एजेंसी (NIA) का गठन किया है। पिछले 9 महीनों में केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय से जवानों का मनोबल बढ़ा है, जिससे 188 नक्सलियों को ढेर किया गया है।
मोदी सरकार की एलडब्ल्यूई योजना के तहत 841 करोड़ रुपये की लागत से 971 गांवों में मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य है, जिसमें से 550 गांवों तक नेटवर्क पहुंच चुका है। बस्तर को भारत नेट परियोजना के तहत प्राथमिकता दी गई है, जिससे गांवों में नेटवर्क कनेक्टिविटी बढ़ रही है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 215 किलोमीटर की 22 सड़कों का निर्माण पूरा हुआ है, जिससे दंतेवाड़ा से अबूझमाड़ के जंगलों का मार्ग खुल गया है। इसके अलावा, 10 पुलों का निर्माण भी किया गया है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों के वित्तीय तंत्र को ध्वस्त करने के लिए कई मामले एसआईए को सौंपे जा रहे हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी से सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा रही है, क्योंकि माओवादी नहीं चाहते कि जनता को बुनियादी सुविधाएं मिलें।