
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जंगलों में वन्यजीवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते जा रहे हैं। शिकारियों की बढ़ती सक्रियता के कारण अब भालू जैसा खतरनाक जानवर भी सुरक्षित नहीं है। हाल ही में मरवाही वन मंडल के उषाड़ बीट में एक भालू का क्षत-विक्षत शव मिला है, जिससे अवैध शिकार की आशंका गहरी हो गई है। शव के कई अंग गायब पाए गए हैं, जिससे साफ है कि शिकारियों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
8-10 दिन पुराना शव, अब लगी वन विभाग को भनक
मामला मनेंद्रगढ़ वन मंडल और मरवाही वन मंडल की सीमा का है, जहां लगभग 8 से 10 दिन पुराना भालू का शव बरामद हुआ है। हैरानी की बात यह है कि वन विभाग को इस घटना की जानकारी इतनी देर से मिली, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
पोस्टमार्टम के बाद होगा मौत के कारणों का खुलासा
वन विभाग ने भालू के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वन अधिकारियों के अनुसार, मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल सकेगा। हालांकि, शिकार की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि भालू के शव के महत्वपूर्ण अंग गायब मिले हैं।
वन विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
वन क्षेत्र में शिकारियों की गतिविधियां बढ़ रही हैं, लेकिन वन विभाग की उदासीनता भी साफ नजर आ रही है। शिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय वन कर्मचारी शिकार की घटनाओं की भनक तक नहीं लगा पा रहे हैं। इस घटना ने वन विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
डीएफओ ने की घटना की पुष्टि
डीएफओ रौनक गोयल ने भालू के शव मिलने की पुष्टि की है और आगे की जांच जारी है।