
रायपुर. दक्षिण-पश्चिम मानसून निर्धारित तिथि 13 जून की बजाय 5 दिन पूर्व सुकमा रास्ते में बस्तर में प्रवेश कर गया था. लेकिन उसके बाद मानसून की गतिविधियां मराठवाड़ा के ऊपर स्थित ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के कारण ठहर गई थी. चक्रीय परिसंचरण के समाप्त हो जाने के कारण पश्चिम में स्थित अरब सागर से अब नमीयुक्त हवा आना शुरू होगी. इसके साथ ही तीन-चार दिनों के अंदर मानसून की गतिविधियां दक्षिण छत्तीसगढ़ होते हुए मध्य और उत्तरी छत्तीसगढ़ की बढ़ने के आसार हैं.
न्यायधानी और आसपास के इलाके में दिनभर सूरज की तपिश और गर्म हवा से भीषण गर्मी का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. वहीं रात को उसम भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है. इसके कारण न्यायधानी और आसपास के इलाके में गर्मी से जनजीवन पस्त
जनजीवन प्रभावित हो रहा है. बिलासपुर में अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 28.8 डिग्री रहा. प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान डोगरगढ़ में 43.6 डिग्री एवं सबसे कम न्यूनतम तापमान नारायणपुर में 22.2 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी तीन दिनों तक प्रदेश के मध्य और उत्तर के जिलों में अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री तक बढ़ने के आसार है. उसके बाद तापमान में गिरावट शुरू होगी. भारत मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मुताबिक एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से नागालैंड तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. एक विंड शेयर जोन 17 डिग्री उत्तर में 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है. कल 12 जून को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज- चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है . एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की भी संभावना है. अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की संभावना है. मराठवाड़ा के ऊपर स्थित ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के समाप्त हो जाने के कारण पश्चिम में स्थित अरब सागर से आने वाली सामान्य होने की संड्टयावना है, जिसके कारण प्रदेश में मानसून की गतिविधि बढ़ने की संभावना है.