छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षकों ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ऑफिस के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षकों का कहना है कि बीईओ ऑफिस में हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत मांगी जाती है।
शिक्षकों की शिकायतें:
- रिश्वत की मांग: शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के सामने मौखिक शिकायत दर्ज कराई है कि छुट्टी लेने, वेतन वृद्धि, और आवेदन जमा करने जैसे काम बिना पैसे दिए नहीं होते।
- राज्यपाल द्वारा सम्मानित शिक्षक की परेशानी: खेरी टिकरा प्राथमिक स्कूल के शिक्षक डिगेश्वर साहू, जिन्हें हाल ही में राज्यपाल पुरस्कार मिला था, ने बताया कि वे वेतन वृद्धि के लिए बीईओ ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
महिलाओं की आवाज़:
- तंवर बहरा स्कूल की शिक्षिका श्रुति सिंह उदयाल ने भी आरोप लगाया कि उन्हें गोपनीय प्रतिवेदन जमा करने के लिए 2,000 रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। विरोध करने पर उनका सीआर स्वीकार नहीं किया गया।
आंदोलन की चेतावनी:
- कई शिक्षकों ने बताया कि अगस्त का वेतन नहीं मिलने पर जब वे बीईओ ऑफिस गए, तो कर्मचारियों ने 500 रुपये की रिश्वत मांगी। इसके बाद भी उनका वेतन जारी नहीं हुआ।
- टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर ने बीईओ और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे।
BEO और DEO का बयान:
- बीईओ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि वह व्यस्त थे और रिश्वतखोरी के आरोपों से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- जिला शिक्षा अधिकारी एके सारस्वत ने कहा कि उन्हें अभी शिकायत मिली है और वे इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते।
इस मामले ने गरियाबंद में शिक्षा प्रणाली को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, और शिक्षकों की मांगें सुनने की आवश्यकता को उजागर किया है।