
छत्तीसगढ़ में किसानों को धान बेचने के लिए “टोकन तुहर हाथ” मोबाइल ऐप की सुविधा दी गई है। सरकार का इरादा था कि किसानों को समितियों के चक्कर लगाने से बचाया जाए, लेकिन यह ऐप उनकी परेशानी बढ़ा रहा है। कई तरह की समस्याओं से उन्हें दो चार होना पड़ रहा है..
ऐप से जुड़ी दिक्कतें:
ऐप नहीं खुलता: ऐप सुबह 9:30 बजे शुरू होता है, लेकिन कई बार खुलने में समय लेता है या काम ही नहीं करता।
सीमा जल्दी खत्म: अगर ऐप चल भी जाए, तो दो मिनट में ही खरीदी की सीमा खत्म हो जाती है।
सर्वर की समस्या: सर्वर डाउन होने से टोकन लेना और भी मुश्किल हो गया है।
धान खरीदी में होड़:
सरकार ने 100% टोकन ऐप से जारी करने का नियम बनाया है। लेकिन देरी से खरीदी शुरू होने और सीमित टोकन उपलब्ध होने के कारण किसानों में होड़ मच गई है।
कई किसान सुबह 9 बजे से ही ऐप से टोकन लेने की कोशिश में लगे रहते हैं।
अगर टोकन नहीं मिलता, तो किसानों को फसल की कटाई और अन्य काम छोड़कर समितियों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
ग्रामीण किसानों की परेशानी:
ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के किसानों के पास स्मार्टफोन नहीं है। अगर मोबाइल है भी, तो पढ़े-लिखे न होने के कारण वे ऐप का इस्तेमाल नहीं कर पाते।
ऐसे किसान च्वाइस सेंटरों पर जाते हैं।
सुबह से ही कंप्यूटर सेंटरों पर भीड़ लगती है, जिससे समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।
किसानों की मांग:
किसानों ने सरकार से अपील की है कि पहले की तरह कुछ टोकन सहकारी समितियों से भी जारी किए जाएं। इससे ऐप की दिक्कतों और च्वाइस सेंटरों के चक्कर से बचा जा सके।