
छत्तीसगढ़ के आदिम जाति कल्याण विभाग के उपायुक्त प्रज्ञान सेठ को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उन पर आरोपों के चलते की गई है कि उन्होंने प्रयास आवासीय विद्यालयों के लिए विद्यार्थियों के लिए कोचिंग की व्यवस्था नहीं की।
कारण
प्रयास आवासीय विद्यालयों के अध्यापन में कोचिंग संस्थानों के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण छात्रों और उनके अभिभावकों से कई शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके चलते छात्रों ने आंदोलन भी किया, जिससे विभाग की छवि को नुकसान पहुँचा।
आधिकारिक आदेश में उल्लेख किया गया है कि प्रज्ञान सेठ को विभागीय योजनाओं के पर्यवेक्षण और क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया। उनका यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आश्रम नियम 1965 के नियम 3 के खिलाफ था।
निलंबन की प्रक्रिया
निलंबन की अवधि में प्रज्ञान सेठ का मुख्यालय बस्तर संभाग, जगदलपुर निर्धारित किया गया है। इस मामले में विभागीय सुधार और छात्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और प्रभावशीलता को सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है। क्या आपको लगता है कि यह कदम और भी सुधार लाएगा?