
छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) में फर्जी भर्तियों और अनियमितताओं का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सचिवालय की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। PSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की नियुक्ति और उनके फैसलों पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं।
आरोपों की गंभीरता
बीजेपी नेता उज्जवल दीपक ने पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी दीप्ति बघेल की सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति की सीबीआई जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि नियमों में बदलाव करके उन्हें लाभ दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री साय को ज्ञापन सौंपकर 2018-2023 के बीच हुई सभी भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग की है।
क्या है घोटाले का सच?
सीबीआई द्वारा पेश की गई 400 पन्नों की चार्जशीट में PSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और परीक्षा नियंत्रक को मुख्य आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि अपात्र उम्मीदवारों को पैसे के बदले नियुक्ति दी गई। पेपर लीक और पैसों के लेन-देन से चयन प्रक्रिया में हेरफेर की गई।
गिरफ्तारियां और जांच
अब तक इस घोटाले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें टामन सिंह सोनवानी, उनके रिश्तेदार, उद्योगपति श्रवण गोयल, और अन्य शामिल हैं। सभी आरोपियों पर फर्जी चयन और पैसों के लेन-देन के गंभीर आरोप हैं।
उज्जवल दीपक की मांग
सभी भर्तियों और परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो।
PSC 2021-2022 के परिणाम रद्द किए जाएं।
सभी नियुक्तियों को निरस्त किया जाए।
भ्रष्ट अधिकारियों और चेयरमैन का नार्को परीक्षण हो।
आगे क्या?
मुख्यमंत्री साय अब इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच के लिए नए बिंदुओं को शामिल करने की योजना बना सकते हैं। यदि सीबीआई जांच के दायरे को बढ़ाया जाता है, तो कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।