
बिलासपुर। नैक रेटिंग के लिए रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। केंद्रीय एजेंसी छत्तीसगढ़ समेत देश के नौ राज्यों में 20 स्थानों पर छापेमारी की। बिलासपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं नैक टीम के अध्यक्ष रहे प्रो. समरेन्द्र नाथ साहा के घर में सीबीआई की टीम पहुंची।
इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। CBI ने भ्रष्टाचार के एक मामले में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) की निरीक्षण समिति के अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि,गिरफ्तार लोगों में आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन (केएलईएफ) के कुलपति और दो अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
सीबीआई ने कहा कि, केएलईएफ के अध्यक्ष कोनेरू सत्यनारायण, एनएएसी के पूर्व उप सलाहकार एल मंजूनाथ राव, बेंगलुरु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम. हनुमंथप्पा और एनएएसी के सलाहकार एम एस श्यामसुंदर का नाम भी बतौर आरोपी प्राथमिकी में दर्ज किया गया है। हालांकि, उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि एनएएसी निरीक्षण समिति के सदस्यों को (ए++) ‘एक्रेडिटेशन’ (मान्यता) के लिए रिश्वत देने में कथित संलिप्तता के लिए केएलईएफ के कुलपति जी पी सारधी वर्मा, केएलईएफ के उपाध्यक्ष कोनेरू राजा हरीन, केएल विश्वविद्यालय, हैदराबाद परिसर के निदेशक ए. रामकृष्ण को गिरफ्तार किया है। एजेंसी ने एनएएसी निरीक्षण समिति के अध्यक्ष समरेंद्र नाथ साहा को भी गिरफ्तार किया है, जो रामचन्द्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं।
एजेंसी ने कहा कि, समिति के सदस्य जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव सिजारिया, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के डीन डी. गोपाल, जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय के डीन राजेश सिंह पवार, जी एल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के निदेशक मानस कुमार मिश्रा, दावणगेरे विश्वविद्यालय की प्रोफेसर गायत्री देवराज और संबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बुलु महाराणा को भी गिरफ्तार किया गया है।