
बेंगलुरु . नियमों की अनदेखी करने पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने ट्विटर इंक पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र के आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज कर दी.
कंपनी ने अपनी याचिका में सामग्री (कंटेंट) हटाने, ब्लॉक करने संबंधी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेशों को चुनौती दी थी. अदालत ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है. न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की पीठ ने कहा कि अदालत केंद्र की इस दलील से सहमत है कि उनके पास ट्वीट को ब्लॉक करने और अकाउंट पर रोक लगाने की शक्ति है.
कोर्ट ने कहा कि फैसले में आठ सवाल तय किए गए हैं. उनमें से सिर्फ एक का जवाब ट्विटर के पक्ष में है. यह याचिका दायर करने के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है, जबकि शेष सवालों का जवाब कंपनी के खिलाफ दिया गया है.
हाईकोर्ट ने जुर्माने की रकम 45 दिन में कर्नाटक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का आदेश दिया. देरी होने पर प्रतिदिन 5,000 रुपये अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा.
हाईकोर्ट का फैसला सराहनीय वैष्णव
कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश की सराहना करते हुए केंद्रीय संचार एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश के कानून का पालन होना चाहिए.
सभी मंचों को पालन करना होगा कानून चंद्रशेखर
आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि छोटे या बड़े, सभी मंचों को भारतीय कानून का पालन करना होगा.