नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया के खिलाफ लगभग 1,000 यात्री शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो किरायों की वापसी, उड़ानों की ओवरबुकिंग और कर्मचारियों के व्यवहार सहित विभिन्न मुद्दों से संबंधित हैं.
टाटा समूह ने पिछले साल आठ अक्टूबर को एयरलाइन के लिए बोली जीतने के बाद 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. सिंह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, “नागर विमानन मंत्रालय को विभिन्न मुद्दों जैसे कि किराए की वापसी, उड़ान के मुद्दों, कर्मचारियों के व्यवहार, सामान के मुद्दों, उड़ानों की ओवरबुकिंग आदि पर एयर इंडिया सहित हवाई परिवहन से संबंधित शिकायतें प्राप्त हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया के खिलाफ ऐसी लगभग 1,000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. विमानन नियामक डीजीसीए ने 14 जून को कहा था कि उसने वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने और उसके बाद उन्हें अनिवार्य मुआवजा प्रदान नहीं करने के लिए एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मई में कहा था कि एयरलाइनें यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने की “अनुचित प्रथा” में लिप्त हैं, भले ही वे समय पर हवाई अड्डे पर अपनी उड़ानों के लिए रिपोर्ट करें. नियामक ने 2 मई को एक ई-मेल में सभी भारतीय वाहकों से बोर्डिंग से इस तरह के इनकार से प्रभावित यात्रियों को मुआवजा और सुविधाएं देने के लिए कहा था, ऐसा नहीं करने पर वह उन पर वित्तीय जुर्माना लगाएगा.