
विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही देश में ड्रोन पायलट की मांग तेजी से बढ़ रही है. अनुमान है कि अगले कुछ सालों में प्रतिवर्ष एक लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी. इसके मद्देनजर ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ (सीएससी) देश भर में ड्रोन प्रशिक्षण संस्थान खोलने जा रहा है. ज्यादातर केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में खोले जाएंगे, जिससे नौजवानों को इस क्षेत्र में करियर बनाने का मौका मिलेगा.
सीएससी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय राकेश ने बताया कि हाल में नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सीएससी को ड्रोन रिमोट पायलट ट्रेनिंग संस्थान खोलने के लिए लाइसेंस प्रदान किया है. इसके तहत पहले केंद्र की स्थापना करनाल में की गई. अब देश के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे.
संजय राकेश ने कहा कि देश में करीब सवा पांच लाख सीएससी कार्य कर रहे, जिनमें 80 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. सीएससी के जरिये रिमोट पायलट ट्रेनिंग संस्थान खोले जाएंगे. यह कोर्स एक सप्ताह का होता है. सीएससी ने इसके लिए अधिकतम शुल्क 20 हजार निर्धारित किया है. 12वीं पास नौजवान इस कोर्स को करके ड्रोन पायलट बनेंगे.
वर्तमान में ड्रोन का इस्तेमाल फसलों की निगरानी, कीटनाशकों-उर्वरकों के छिड़काव, दवा ले जाने, सामान परिवहन, कानून-व्यवस्था की निगरानी, खनन आदि क्षेत्रों समेत कई क्षेत्रों में किया जा रहा है.