
नई दिल्ली . केंद्र सरकार बैंकों में ग्राहकों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए नई रणनीति पर तेजी से काम कर रही है. इस दिशा में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और सरकारी बैंक के अधिकारियों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस वर्कशॉप में बैंकों की तरफ से एक प्रेजेंटेशन भी दी गई, जिसमें बैंकों की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई.
बैठक में वित्त मंत्रालय से जुड़े वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी भी मौजूद रहे. बैंकों और वित्तीय मामलों के विभाग के अधिकारियों के बीच इस बात पर सहमति बनी की सरकारी बैंकों की तरफ से सेवाओं के सुधारने के लिए तमाम कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे काम तेज होगा और ग्राहकों की शिकायतें घट सकेंगी. साथ ही बैंकों में कामकाज के दौरान ग्राहक केंद्रित मानसिकता की जरूरत पर भी बल दिया गया. ग्राहकों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने के लिए सरकारी बैंकों की तरफ से एक ग्राहक सर्वे भी किया गया है.
तकनीक पर जोर
ग्राहक की समस्याओं और उसका बैंक शाखाओं में लगने वाला समय घटाने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया. बैंकों के खिलाफ ग्राहकों की शिकायत की संख्या हर साल एक लाख से भी ज्यादा रहती है. वित्तवर्ष 2020-21 में एटीएम, मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कुल शिकायतें 1.45 लाख थी.
रिपोर्ट तैयार
ग्राहकों से बातचीत के आधार पर और खुद बैंक के डाटा के आधार पर प्रजेंटेशन तैयार हुई है. बैंकों के डाटा में ग्राहक का शाखाओं पर काम के लिए औसत इंतजार करने का समय, कॉल सेंटर पर बात करने में लगने वाला समय और सेल्फ सर्विस के लिए मशीनों पर लगने वाले समय के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई थी.