
भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने इतिहास रच दिया है। सिंगापुर में हुई वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में उन्होंने चीन के दिग्गज खिलाड़ी डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराकर दुनिया के सबसे युवा चेस वर्ल्ड चैंपियन बनने का खिताब अपने नाम किया। गुकेश की इस शानदार जीत पर सोशल मीडिया पर एक्टर्स, खिलाड़ियों और नेताओं ने उन्हें जमकर बधाइयां दीं।
जीत के साथ टैक्स का विवाद
गुकेश को इस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन के लिए 11.45 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिली। लेकिन खुशी के इस मौके पर एक अलग ही चर्चा शुरू हो गई। भारतीय कानून के अनुसार, खिलाड़ियों को इनामी राशि पर 30% टैक्स देना होता है। इसका मतलब यह है कि गुकेश को अपनी कमाई में से लगभग 4.67 करोड़ रुपए सरकार को देने होंगे।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग
इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। लोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैक्स नियमों के लिए ट्रोल करने लगे। उनका कहना है कि सरकार को खिलाड़ियों की इनामी राशि पर टैक्स में छूट देनी चाहिए, ताकि उनके कड़ी मेहनत का पूरा फल उन्हें मिल सके।
सिंगापुर में टैक्स नहीं लगता
दिलचस्प बात यह है कि अगर सिंगापुर में इनामी राशि पर टैक्स लगता, तो गुकेश को और कम पैसा मिलता। लेकिन वहां इस तरह की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता।
चेस चैंपियनशिप की इनामी राशि
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की कुल इनामी राशि 2.5 मिलियन डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपए) थी। हर मैच जीतने पर खिलाड़ी को 1.69 करोड़ रुपए मिलते हैं। फाइनलिस्ट खिलाड़ियों में बची हुई राशि बराबर बांटी जाती है।