दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों के बीच वादों और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के बाद कांग्रेस ने भी महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान करते हुए उन्हें विकास और सुरक्षा का भरोसा दिलाने की कोशिश की है।
कांग्रेस ने साधा केजरीवाल पर निशाना
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के विकास और सुरक्षा में पूरी तरह विफल रही है। यादव ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार की नीतियों ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव में महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ। इसी तरह दिल्ली में मार्च 2024 में घोषित महिला सम्मान योजना भी केवल घोषणाओं तक सीमित रही।
लाडली योजना और महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मुद्दा
देवेंद्र यादव ने लाडली योजना को खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं दिया। राशन और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी बंद कर दिया गया, जिससे महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस का वादा: स्वरोजगार और आरक्षण पर जोर
देवेंद्र यादव ने कांग्रेस का दृष्टिकोण स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो महिलाओं के विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने वादा किया कि:
- महिलाओं को स्वरोजगार के लिए विशेष योजनाएं दी जाएंगी।
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
- महिला सुरक्षा के लिए सशक्त कानून बनाए जाएंगे और उनका सख्ती से पालन होगा।
- महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट प्रावधान किए जाएंगे।
चुनावी दांव या वास्तविक नीति?
कांग्रेस के इन वादों को राजनीतिक विश्लेषकों ने चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया है। हालांकि, महिलाओं के लिए इन योजनाओं का जमीनी स्तर पर कितना असर होगा, यह तो समय ही बताएगा।
दिल्ली चुनाव 2025 के इस राजनीतिक माहौल में महिलाओं के लिए वादों और योजनाओं का केंद्र बनना इस बात का संकेत है कि सभी पार्टियां उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही हैं। अब देखना यह है कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और वादों पर कितना भरोसा करती है।