Delhi: आज सुबह से ही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेता सोशल मीडिया पर आंदोलन को जारी रखने की अपील कर रहे थे। किसानों ने दिल्ली कूच करने का ऐलान किया था, जिसके बाद पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पाइंट पर पूरी ताकत से सुरक्षा इंतजाम किए। इसी दौरान करीब 50 किसानों और महिला प्रदर्शनकारियों को परी चौक पर रोक लिया। इसके बाद पुलिस ने 45 किसानों को गिरफ्तार कर लुक्सर जेल भेज दिया।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और महिला किसानों के बीच धक्कामुक्की और नोकझोंक भी हुई। कुछ युवक वीडियो बनाने के प्रयास में थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़कर किसानों के साथ जेल भेज दिया।
किसानों की मुख्य मांगें
किसान आंदोलन में भाग ले रहे लोगों ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करने की बजाय उनकी आवाज दबा रही है। किसानों ने 10% भूखंड आवंटन समेत अन्य समस्याओं का हल निकालने की मांग की है और चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
122 किसान गिरफ्तार
अब तक 122 किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बुधवार को 34 और गुरुवार को 43 किसानों को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को सामान्य बैरकों में रखा गया है, और इनमें कोई महिला या बुजुर्ग किसान शामिल नहीं हैं।
परी चौक पर जाम
किसानों के प्रदर्शन के कारण परी चौक से लेकर अल्फा गोलचक्कर तक भारी जाम लग गया। इसके चलते एक्सप्रेसवे और परी चौक की ओर जाने वाले रास्तों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इससे ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और स्कूल के बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों पर वाहनों को मोड़ने का प्रयास किया, लेकिन जाम की स्थिति में कोई खास राहत नहीं मिली।
पुलिस का अलर्ट मोड
किसान महापंचायत के कारण पुलिस सुबह से ही अलर्ट थी। डीसीपी, एडीसीपी, और एसीपी स्तर के अधिकारी मौके पर तैनात थे, और पीएसी तथा आरएएफ के जवानों को यह निर्देश दिया गया था कि किसी भी हालत में किसानों को धरना स्थल पर एकत्रित न होने दिया जाए।
किसान नेताओं ने साफ किया है कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं।