राजधानी रायपुर के उरला थाना क्षेत्र में दो वर्ष पूर्व चार साल के मासूम को जिंदा जलाने वाले को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई अतिरिरक्त सत्र न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन की कोर्ट में हुई है। आरोपी बच्चे को अपने साथ बाइक में बैठाकर बेमेतरा ले गया और सूनसान झाड़ियों के पास उसे टॉवेल में लपेटकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जानकारों का कहना है, रायपुर में चार दशक पहले कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद अब ऐसी सख्त सजा दी गई है।
तत्कालीन एजीपी राजेंद्र जैन के मुताबिक कोर्ट ने हर्ष चेतन को जिंदा जलाने के आरोप में पंचराम गेंड्रे को मौत की सजा सुनाई है। हर्ष की मां ने पांच अप्रैल 2022 को थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उरला टीआई भरत बरेठ ने पुलिस टीम के साथ बच्चे की खोजबीन शुरू की, तो हर्ष पंचाराम के साथ बाइक पर जाते दिखा।
मामले की पड़ताल करने वाली टीम को हर्ष के बड़े भाई ने बताया कि घटना दिनांक को वह अपने पड़ोस में रहने वाले पंचराम के साथ बाइक में घूमने गया था। लौटने पर पंचराम हर्ष के बड़े भाई तथा हर्ष को अपने साथ तालाब नहाने ले जाने लगा। इस पर हर्ष का बड़े भाई नहाने जाने से इनकार करते हुए बाइक से उतर गया। हर्ष ने पंचराम से तालाब जाने की जिद की। इस पर पंचराम हर्ष को अगवा कर अपने साथ बेमेतरा ले गया और वहां जाकर जिंदा जला दिया।