
दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को नत्थू कॉलोनी चौक के फ्लाईओवर की खराब स्थिति को लेकर दिल्ली सरकार और लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। यह फ्लाईओवर एक दशक से भी कम समय पहले बना था, लेकिन अब इसकी खस्ता हालत ने कोर्ट को सख्त कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया।
हाईकोर्ट की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा:
- “2021 से रिपोर्ट लंबित क्यों है?” कोर्ट ने रिपोर्ट न आने पर सवाल उठाते हुए इसे भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास बताया।
- “CBI जांच की जरूरत है।” अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में घोटाले के पीछे के दोषियों का पता लगाने के लिए CBI जैसी केंद्रीय एजेंसी को जांच करनी चाहिए।
फ्लाईओवर का निर्माण और विवाद
2015 में बने इस फ्लाईओवर की कमजोर स्थिति पर कोर्ट ने कहा कि पुराने फ्लाईओवर आज भी सही हालत में हैं, जबकि यह नया निर्माण पहले ही जर्जर हो चुका है।
- PWD और TTDC के बीच विवाद:
- PWD ने टीटीडीसी पर मरम्मत की जिम्मेदारी डाली।
- TTDC ने कहा कि शुरुआती ठेकेदार को 8 करोड़ रुपये का भुगतान PWD ने नहीं किया।
- मंगलवार को सुनवाई में सरकार के वकील ने दावा किया कि विवाद सुलझा लिया गया है।
कोर्ट की चिंता
अदालत ने अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा:
- “क्या फ्लाईओवर केवल साइकिल और हल्के वाहनों के लिए है?”
- “इस तरह का घटिया निर्माण अस्वीकार्य है। किसी आंतरिक जांच के बिना सबूत नष्ट होने दिए गए।”
आगे की कार्रवाई
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की है और जोर दिया कि भ्रष्टाचार के दोषियों का पता लगाने के लिए जांच अनिवार्य है।