
सोमवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया, और इसकी शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से देश को संबोधित किया। उन्होंने इस सत्र को खास बताते हुए स्वस्थ चर्चा और लोकतंत्र के सम्मान की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा,
“शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। यह सत्र हमारे संविधान की यात्रा के 75वें वर्ष में प्रवेश का प्रतीक है, जो हमारे लोकतंत्र के लिए गर्व का क्षण है।”उन्होंने 2024 के अंतिम चरण में देश की उमंग और उत्साह की ओर भी इशारा किया और 2025 के स्वागत की तैयारियों का जिक्र किया।
‘हुड़दंगबाजी’ पर तीखा बयान
पीएम मोदी ने विपक्ष के कुछ सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा,
“मुट्ठी भर लोगों की हुड़दंगबाजी संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाती है। ऐसे लोग न खुद काम करते हैं और न दूसरों को करने देते हैं।”
उन्होंने जनता द्वारा बार-बार अस्वीकार किए जाने की ओर भी इशारा किया और कहा कि ऐसे लोग लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते।
जनता की आकांक्षाओं का सम्मान जरूरी
प्रधानमंत्री ने विपक्ष से जनता की भावना और उम्मीदों का सम्मान करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,
“कुछ सांसद अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते। जनता उनकी हरकतें देख रही है और उन्हें सजा देती है।”
दुनिया भारत की ओर देख रही है
पीएम मोदी ने भारत की वैश्विक भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि विश्व आज भारत की ओर उम्मीदों से देख रहा है। उन्होंने कहा,
“इस सत्र से दुनिया को सकारात्मक संदेश जाना चाहिए। यह सत्र वैश्विक गरिमा और लोकतंत्र की ताकत को बल देने वाला साबित हो।”
सार्थक परिणामों की उम्मीद
प्रधानमंत्री ने आशा जताई कि यह सत्र उत्पादक रहेगा और सभी सांसद नए विचार और ऊर्जा के साथ भाग लेंगे। उन्होंने कहा,
“हम जितना समय गंवा चुके हैं, उसका पश्चाताप करते हुए इस सत्र को परिणामकारी बनाना चाहिए।”