दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए लिया बड़ा फैसला दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने बड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी दी कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप-4) के तहत कई सख्त निर्णय लिए गए हैं। इनमें प्रमुख कदम वर्क फ्रॉम होम और अन्य जागरूकता अभियान शामिल हैं।
सरकारी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम का फैसला
दिल्ली सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि सरकारी दफ्तर अब 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करेंगे। बाकी 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, यह नियम आवश्यक सेवाओं वाले विभागों पर लागू नहीं होगा।
इसके अलावा, पर्यावरण विभाग और औद्योगिक संगठनों जैसे फिक्की, एसोचेम और सीआईआई के साथ एक बैठक कर निजी संस्थानों के लिए भी 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी जारी की गई है।
- निजी कार्यालयों को अपने खुलने का समय सुबह 10:30 बजे या 11 बजे तय करने की सलाह दी गई है।
- कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए शटल बस सेवा शुरू करने की भी सिफारिश की गई है।
प्रदूषण कम करने के अन्य कदम
दिल्ली सरकार ने कई अन्य प्रयास भी तेज कर दिए हैं:
- एंटी डस्ट अभियान – निर्माण स्थलों और अन्य जगहों पर धूल नियंत्रण के लिए सख्ती।
- बायो-डीकम्पोजर का छिड़काव – खेतों में पराली जलाने की समस्या का समाधान।
- पौधारोपण अभियान – अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर जोर।
- एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल – दिल्ली की सड़कों पर 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव।
ग्रेप-चार प्रावधान लागू करने पर सख्ती
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ग्रेप-4 के नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए आदेश जारी किए गए हैं। किसी भी स्तर पर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पड़ोसी राज्यों की जिम्मेदारी
गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण से निपटने के लिए पड़ोसी राज्यों को भी कड़े कदम उठाने होंगे। उत्तर भारत में बदलते मौसम के साथ प्रदूषण का प्रभाव बढ़ रहा है। दिल्ली अकेले प्रयास करके इस समस्या को हल नहीं कर सकती।
दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वर्क फ्रॉम होम, एंटी डस्ट अभियान और जागरूकता जैसे प्रयास सराहनीय हैं। लेकिन, इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए पूरे उत्तर भारत को मिलकर काम करना होगा।