प्रयागराज में रविवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के बाहर प्रतियोगी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़पें हुईं। छात्र पीसीएस (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा को एक ही दिन में कराने की मांग कर रहे थे, जबकि आयोग ने इन दोनों परीक्षाओं को दो अलग-अलग दिनों में आयोजित करने का फैसला लिया है।
प्रदर्शन की मुख्य वजहें:
- परीक्षाओं के आयोजन को लेकर विरोध: यूपीपीएससी ने दोनों परीक्षा (पीसीएस और आरओ/एआरओ) के लिए दो अलग-अलग दिन निर्धारित किए थे, जिसे प्रतियोगी छात्र वर्ग ने विरोध किया। उनकी मांग है कि इन दोनों परीक्षाओं को एक ही दिन आयोजित किया जाए, ताकि छात्रों को एक ही समय में दो परीक्षा के लिए संघर्ष न करना पड़े। इसके अलावा, छात्रों ने नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) प्रक्रिया को भी निरस्त करने की मांग की है।
- पुलिस कार्रवाई और लाठीचार्ज: प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई, और बाद में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने “न बंटेंगे न हटेंगे” जैसे नारे लगाए और पंफलेट बांटे, जिसमें उनकी मुख्य मांगों का उल्लेख था। पुलिस ने छात्रों को खदेड़ा, जिसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई। लाठीचार्ज के बाद छात्रों की भीड़ तितर-बितर हो गई, हालांकि छात्रों ने विरोध जारी रखा और नारेबाजी की।
- कई राज्यों से छात्र पहुंचे: इस आंदोलन में यूपी के अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और अन्य राज्यों से भी छात्र शामिल हुए। छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ उठाई और #UPPSC_No_normalization के तहत कई ट्रेंड चलाए। ट्विटर (अब X) पर “यूपीपीएससी” टॉप ट्रेंड में था।
- पूर्व सीएम अखिलेश यादव का समर्थन: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी यूपीपीएससी के बाहर हुए लाठीचार्ज की आलोचना की और ट्वीट कर इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह भाजपा के एजेंडे का हिस्सा था और इस तरह के व्यवहार को निंदनीय बताया।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी:
आंदोलन की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने आयोग के आसपास भारी पुलिस बल तैनात कर दिया था और सभी रास्तों को सील कर दिया था। प्रशासन ने यह कदम छात्रों के विरोध को शांत करने के लिए उठाया था, लेकिन बावजूद इसके छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं।
छात्रों की मांगें:
- पीसीएस और आरओ-एआरओ परीक्षाएं एक ही दिन करवाई जाएं।
- नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।
- छात्रों के लिए उचित परीक्षा माहौल और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।
यूपीपीएससी के बाहर हो रहे इस प्रदर्श में पुलिस कार्रवाई और छात्रों के विरोध ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे और सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। अब देखना यह होगा कि यूपीपीएससी और राज्य सरकार इस स्थिति का समाधान कैसे निकालते हैं।