Varanasi family murder: वाराणसी के भेलूपुर इलाके में हुए पांच लोगों की सामूहिक हत्या का मामला अब एक सुलझने के बजाय उलझती हुई मर्डर मिस्ट्री बन चुका है। इस खौ़फनाक हत्याकांड ने न सिर्फ शहर बल्कि पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है, चाय की दुकानों पर बहस हो रही है, और हर कोई अपने तरीके से इस मर्डर मिस्ट्री का सुराग ढूंढने की कोशिश कर रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या पुलिस को इस केस की असल सच्चाई तक पहुंचने का रास्ता मिल पाएगा?
शुरुआत में क्या था मामला?
यह घटना मंगलवार सुबह भदैनी इलाके के जलकल पंपिंग स्टेशन के पास स्थित राजेंद्र गुप्ता के घर से शुरू हुई। जब वहां नौकरानी पहुंची, तो उसे घर के हर कोने से खून से सने शव मिले। राजेंद्र की पत्नी, दो बेटे और बेटी – सभी के शव अलग-अलग जगहों पर पड़े थे। पत्नी नीतू गुप्ता का शव बेड के नीचे था, बेटे नमनेंद्र का शव बाथरूम में था, जबकि बेटी गौरंगी और छोटे बेटे शिवेंद्र का शव उनके कमरे में पड़ा हुआ था। हत्या का तरीका एक ही था – सभी को गोली मारी गई थी।
घटना के कुछ घंटों बाद, जब परिवार का मुखिया राजेंद्र गुप्ता लापता मिला, तो पुलिस ने यह मान लिया कि उसने ही अपने परिवार के चार सदस्यों की हत्या की और फिर फरार हो गया। लेकिन जब राजेंद्र का शव कुछ घंटों बाद एक निर्माणाधीन मकान में लहूलुहान हालत में मिला, तो पुलिस की पहली थ्योरी ही ध्वस्त हो गई। अब सवाल उठने लगे – आखिर क्या हुआ था?
पुलिस की उलझन और सवालों के घेरे में राजेंद्र
पुलिस के लिए यह मामला और भी पेचीदा हो गया, क्योंकि राजेंद्र गुप्ता का मर्डर के बाद आत्महत्या करना, कम से कम सजा की तरह लगता था। लेकिन हालात ने पुलिस को चौंका दिया।
पहला सवाल – राजेंद्र गुप्ता ने खुद को गोली कैसे मारी? यदि वह हत्यारा था, तो उसने इतने इत्मीनान से खुद को कैसे मार लिया?
दूसरा सवाल – सभी को एक जैसे तरीके से गोली मारी गई, ऐसा क्या था जो उसे इतना ठंडे दिमाग से प्लान करने पर मजबूर कर रहा था?
तीसरा सवाल – सबसे चौंकाने वाला सवाल यह था कि परिवार की हत्या के बाद, राजेंद्र कैसे इतने इत्मीनान से 15 किलोमीटर दूर जाकर आराम से कमीज उतारकर मच्छरदानी लगाकर सोने चला गया?
इन सवालों ने पुलिस को पूरी तरह से उलझा दिया है। अब तक पुलिस यह मान रही थी कि यह एक पारिवारिक कलह का परिणाम था, लेकिन घटनास्थल से उठे संकेत अब नई दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं।
राजेंद्र की क्रिमिनल हिस्ट्री का अहम रोल
राजेंद्र गुप्ता की पिछली क्रिमिनल हिस्ट्री भी इस मामले को और पेचीदा बनाती है। 1997 में प्रॉपर्टी विवाद के चलते उसने अपने भाई कृष्णा और उसकी पत्नी की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने अपने पिता लक्ष्मी नारायण को भी जान से मारने की धमकी दी थी। और फिर भाई की तेरहवीं के दिन, पिता को गोली मारकर हत्या कर दी थी। यही नहीं, राजेंद्र ने अपने पिता की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी और एक अन्य व्यक्ति की भी हत्या कर दी थी।
इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया था कि राजेंद्र गुप्ता एक खतरनाक व्यक्ति था। मगर इस बार उसकी मृत्यु के बाद की परिस्थितियाँ बहुत अलग थीं, जिनसे यह सवाल उठते हैं कि क्या वह वास्तव में इस हत्याकांड के पीछे का असली गुनहगार है या कोई और है जिसने ये खूनी खेल खेला है