बलौदा बाजार हिंसा और छत्तीसगढ़ नान घोटाला, 5 नवंबर 2024:
- बलौदा बाजार हिंसा में देवेंद्र यादव की रिमांड बढ़ी:
बलौदा बाजार में 17 अगस्त को हुई आगजनी और हिंसा मामले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी की गई थी। उन्हें भिलाई से गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं। न्यायिक रिमांड में कई बार बढ़ोतरी की गई, और हाल ही में कोर्ट ने उनकी रिमांड को 11 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इससे पहले, 10 और 17 सितंबर को उनकी बेल याचिका खारिज हो चुकी थी। इस मामले में पुलिस लगातार जांच कर रही है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है। - छत्तीसगढ़ नान घोटाले में दो रिटायर्ड IAS अधिकारियों और पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ एफआईआर दर्ज:
नान घोटाला (नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला) में एसीबी (आर्थिक अपराध शाखा) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच के दौरान यह पाया गया कि पूर्व आईएएस अधिकारियों अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला, और पूर्व राज्य महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पदों का दुरुपयोग किया।- एफआईआर में आरोप:
- टुटेजा और शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने ईडी और एसीबी/ईओडब्ल्यू की जांच को विफल करने के लिए व्हाट्सएप चैट और डिजिटल साक्ष्य का उपयोग किया।
- दोनों ने भूपेश बघेल सरकार में प्रमुख पदों पर रहते हुए अधिकारियों और संवैधानिक अधिकारियों से लगातार संपर्क किया और घोटाले की जांच को प्रभावित किया।
- इनके साथ सतीश चंद्र वर्मा का नाम भी लिया गया है, जिन्होंने इन अधिकारियों के साथ मिलकर घोटाले से जुड़ी जानकारी में बदलाव किए और मामले के गवाहों पर दबाव डालने की कोशिश की।
- नान घोटाला:
यह घोटाला फरवरी 2015 में सामने आया था, जब एसीबी/ईओडब्ल्यू ने नान के 25 परिसरों पर एक साथ छापे मारे थे और 3.64 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। जांच में पता चला था कि चावल और नमक की गुणवत्ता मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त थी। - एफआईआर के खिलाफ कार्रवाई:
- एफआईआर में आरोपियों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई है।
- इस मामले में पहले ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत टुटेजा को गिरफ्तार किया था, और चांदी घोटाले के संदर्भ में जांच में भी ईडी सक्रिय है।
- नौकरशाही का हस्तक्षेप:
एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि शुक्ला और टुटेजा ने सरकारी नीति निर्माण, पोस्टिंग, और तबादलों में सीधा हस्तक्षेप किया, और उन सभी घटनाओं में अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इन अधिकारियों ने अपारदर्शिता को बढ़ावा दिया।
- एफआईआर में आरोप:
बलौदा बाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव की रिमांड में बढ़ोतरी, और नान घोटाले में प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की घटनाएं छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार के गंभीर मुद्दों को उजागर करती हैं। राज्य सरकार और न्यायिक व्यवस्था दोनों ही इन मामलों की गहराई से जांच करने में लगी हुई हैं।