भाई दूज, जिसे यम द्वितीया भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 3 नवंबर 2024, रविवार को मनाया जा रहा है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनके लंबे जीवन की कामना करती हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
- भाई दूज पूजा मुहूर्त: दोपहर 1:10 से 3:32 बजे के बीच।
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:40 से 12:26 बजे तक, जो दान-पुण्य के लिए उत्तम माना जाता है।
- द्वितीया तिथि का समापन: रात 10:10 बजे।
यम स्तोत्र का पाठ:
इस दिन विशेष रूप से यमराज को प्रसन्न करने के लिए यम स्तोत्र का पाठ किया जाता है। यह स्तोत्र भाई दूज के महत्व को और बढ़ाता है।
भाई दूज पर करें यम स्तोत्र का पाठ
ऋषिपुत्र उवाच
त्वं धाता च विधाता च श्राद्धे चैव हि दृश्यसे .
पितृणां परमो देवः चतुष्पाद नमोऽस्तु ते ..
कालज्ञश्च कृतज्ञश्च सत्यवादी दृढव्रतः .
प्रेतनाथ महाभाग धर्मराज नमोऽस्तु ते ..
कर्ता कारयिता चैव भूतभव्यभवत् प्रभो .
पावको मोहनश्चैव संक्षेपो विस्तरस्तथा .
दंडपाणे विरुपाक्ष पाशहस्त नमोऽस्तु ते ..
आदित्यसदृशाकार सर्वजीवहर प्रभो .
कृष्णवर्ण दुराधर्ष तैलरुप नमोऽस्तु ते ..
मार्तण्ड सदृश श्रीमान् मार्तण्डसम तेजसा .
हव्यकव्यवहः त्वं हि प्रभविष्णो नमोऽस्तु ते ..
पापहन्ता व्रती श्राद्धी नित्ययुक्तो महातपाः .
एकदृग् बहुदृग् भूत्वा काल मृत्यो नमोऽस्तु ते ..
क्वचित् दण्डी क्वचित् मुंडी क्वचित् कालो दुरासदः .
क्वचित् बालः क्वचित् वृद्धः क्वचित् रौद्र नमोऽस्तु ते ..
त्वया विराजितो लोकः शासता धर्महेतुना .
प्रत्यक्षं दृश्यते देव त्वद्विना न च सिद्धयति ..
देवानां परमं दैवं तपसां परमं तपः .
जपानां परमं जप्यं त्वत्तः चान्यो न दृश्यते ..
ऋषयो वा तथा क्रुद्धा हतबन्धु सुहृज्जनाः .
पतिव्रतास्तु या नार्यो दुःखिताः तपसि स्थिताः .
नत्वा शक्ता इह स्थानात् पातनाय कदाचन ..
तस्मात् त्वं सर्वदेवेषु एको धर्मभृतां वरः .
कृतज्ञः सत्यवादी च सर्वभूतहिते रतः ..
भाई दूज पर पूजा और यम स्तोत्र का पाठ करके आप अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना कर सकते हैं। यह दिन भाई-बहन के प्रेम और रिश्ते को और भी मजबूत बनाने का अवसर है।
आप सभी को भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं!