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‘दाना’ चक्रवाती तूफान : हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा होने की संभावना

दिल्ली। चक्रवाती तूफान ‘दाना’ को लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। पश्चिम बंगाल में कोलकाता और ओडिशा में भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द की गई हैं। सैकड़ों ट्रेनें भी रद्द हुई हैं। कुछ गाड़ियों का रूट बदला गया है। तूफान से प्रभावित राज्यों के कई जिलों में गुरुवार सुबह से ही तेज बरसात हो रही है। शुक्रवार को चक्रवाती तूफान की तबाही देखने को मिल सकती है। इस दौरान हवा की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा होने की संभावना है। देश में हर साल कोई न कोई चक्रवात आ रहा है। चक्रवाती तूफान के रौद्र रूप से लोगों के जान-माल को भारी नुकसान पहुंचता है। जीवन को फिर से पटरी पर लाने में अरबों रुपए खर्च हो रहे हैं। ‘दाना’ से पहले रेमल, तितली, गाजा, बुलबुल व बिपरजॉय जैसे चक्रवाती तूफान भारी तबाही मचा चुके हैं।

चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ से हुई थी भारी तबाही
इस साल मई में पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ ने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी नुकसान पहुंचाया था। रेमल का असर, पूर्वोत्तर राज्यों में भी देखा गया। पश्चिम बंगाल में रेमल के चलते 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्डों में भारी क्षति पहुंची थी। लगभग 30,000 घरों को नुकसान हुआ। हजारों पेड़ गिर गए थे। तूफान की तीव्रता से करीब 1500 बिजली के खंभे गिर पड़े। उस वक्त भी कोलकाता एयरपोर्ट पर उड़ानों का संचालन निलंबित किया गया था। ‘रेमल’ से पहले ‘तौकते’, ‘यास’, ‘फनी’, ‘तितली’, ‘गाजा’, ‘बुलबुल’ व ‘बिपरजॉय’ भारी तबाही मचा चुके हैं। चक्रवाती तूफानों ने सरकार के खजाने में अरबों रुपये की चपत लगाई है। वजह, तूफान से हुई बर्बादी के बाद जीवन को सामान्य करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को अरबों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

‘तौकते और यास’ में सौ से ज्यादा लोग मारे गए
चार साल पहले ‘तौकते और यास’ ने खूब तबाही मचाई थी। हालांकि इनके गुस्से का अंदाजा, केंद्र सरकार को पहले से हो गया था। सरकार ने समय रहते कुछ उपाय कर दिए। इसके बावजूद दस हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने दिन रात लगकर ‘तौकते और यास’ की तबाही से 24 लाख लोगों को बचा लिया था। चक्रवाती तूफान ‘तौकते और यास’ ने सौ से अधिक लोगों की जान ले ली थी। साढ़े चार लाख से ज्यादा मकानों को नुकसान पहुंचा था। मछली पकड़ने वाली 65 सौ नाव और 41164 जाल पानी में बह गए थे। मई 2020 में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘तौकते और यास’ से प्रभावित राज्यों का दौरा किया। चक्रवाती तूफान ने 367622.38 हैक्टेयर में लगी फसलों को भी तबाह कर दिया था।

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