रूस के ऐतिहासिक शहर कज़ान में एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला, जहाँ BRICS देशों की महत्वपूर्ण बैठक चल रही थी। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक खास डिनर का आयोजन किया। लेकिन इस डिनर का असली आकर्षण था – भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पुतिन का एक साथ दिखाई देना। इन तीनों वैश्विक नेताओं के बीच एक सौहार्दपूर्ण माहौल दिखा, जिससे साफ हो गया कि रिश्तों में कुछ अलग चल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की इस मुलाकात ने खास ध्यान खींचा, खासतौर पर इसलिए क्योंकि गलवान घाटी की दुखद घटना के बाद भारत और चीन के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। लेकिन BRICS शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों ने इस तनाव को कम करने के लिए एक अहम समझौता किया है, जो कि वैश्विक राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकता है।
इस पूरे परिदृश्य में चीन और रूस के बढ़ते रिश्ते भी चर्चा में हैं। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से दोनों देशों के बीच के संबंध और भी मजबूत हुए हैं, क्योंकि दोनों ही शक्तियां पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका, से असंतुष्ट हैं।
एक और रोचक क्षण आया जब व्लादिमीर पुतिन ने डिनर के दौरान मोदी से गर्मजोशी से हाथ मिलाया और गले लगाया। यह पल BRICS की बैठक में दोस्ताना माहौल का प्रतीक बना, और मोदी और पुतिन के बीच करीबी रिश्ते को उजागर करता है।
इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने खुलासा किया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच यह द्विपक्षीय मुलाकात चार सालों से चल रहे सैन्य गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद यह दोनों शक्तियां फिर से एक नई शुरुआत की ओर बढ़ रही हैं।
डिनर में सबसे खास बात यह रही कि पुतिन को मोदी और शी जिनपिंग के बीच बैठाया गया। यह दृश्य इस बात का संकेत था कि तीनों देशों के बीच एक नए तरह का सामरिक समीकरण उभर रहा है, जो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय राजनीति को नई दिशा दे सकता है।